क्या भारतीय वायुसेना को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण न्योमा एयरफील्ड मिला?
सारांश
Key Takeaways
- न्योमा एयरफील्ड की स्थापना लद्दाख में भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत बढ़ाएगी।
- यह एयरफील्ड चाइना बॉर्डर के निकट स्थित है, जिससे हमारी सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
- इस एयरफील्ड का उद्घाटन एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने किया।
- यह दुनिया के सबसे ऊंचे एयरफील्ड में से एक है।
- भारतीय सेना ने लद्दाख में आकाश प्राइम एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया।
नई दिल्ली, १२ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। लद्दाख में भारतीय वायुसेना के लिए सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण एयरफील्ड अब ऑपरेशनल हो गया है। यह पूर्वी लद्दाख में स्थित न्योमा एयरफील्ड है, जो विश्व के सबसे ऊंचे हवाई अड्डों में से एक माना जाता है।
यह एयरफील्ड चाइना बॉर्डर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। बुधवार को यहां भारतीय वायुसेना का एक विमान सफलतापूर्वक उतरा। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह एयरफील्ड हमारे सशस्त्र बलों के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा। लद्दाख में भारतीय वायुसेना को न्योमा एयरफील्ड के रूप में अपना तीसरा फाइटर एयरबेस मिला है।
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने इस एयरफील्ड का उद्घाटन किया। वायुसेना के अनुसार, बुधवार को न्योमा एयरफील्ड पर एयरफोर्स का सी-130 सुपर हरक्यूलिस विमान पहुंचा। इसके साथ ही, एलएसी के निकट स्थित न्योमा एयर बेस अब पूरी तरह से ऑपरेशनल हो गया है। यहां लगभग १३७०० फीट की ऊंचाई पर भारतीय वायुसेना का न्योमा एडवांस लैंडिंग ग्राउंड अपग्रेड करके नया फाइटर बेस तैयार किया गया है।
यह रनवे लगभग २.७ किलोमीटर लंबा है, जिसका निर्माण बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने किया। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इसे लद्दाख में अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों के लिए स्टेजिंग ग्राउंड के रूप में विकसित किया गया है। यह दुनिया के सबसे ऊंचे हवाई क्षेत्रों में से एक है, जो हमारे सशस्त्र बलों के लिए गेम चेंजर साबित होगा।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एयरफील्ड चाइना बॉर्डर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भारतीय वायुसेना का यह एयरबेस पूरी तरह से तैयार है, और यहां वायुसेना के लड़ाकू विमान भी अब उड़ान भर और उतर सकेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था। एलएसी पर चीनी सेना की गतिविधियों को देखते हुए यह निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण था। हाल ही में, भारत ने लद्दाख में अपने एयर डिफेंस सिस्टम को बेहतर बनाने के मिशन में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। भारतीय सेना ने लद्दाख सेक्टर में लगभग १५,००० फीट की ऊंचाई पर ‘आकाश प्राइम’ एयर डिफेंस सिस्टम का सफल परीक्षण किया।
यह एयर डिफेंस सिस्टम भारत द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। ‘आकाश प्राइम’ का सफल परीक्षण थल सेना की एयर डिफेंस विंग के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया। इस दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
डीआरडीओ ने ही इस एयर डिफेंस सिस्टम का विकास किया। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, एयर डिफेंस सिस्टम के परीक्षण के दौरान सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों ने तेज गति से उड़ रहे दो लक्ष्यों पर सटीक प्रहार किए। यह परीक्षण अत्यधिक ऊंचाई और विरल वायुमंडल वाले क्षेत्र में किया गया, जहां सामान्य संचालन भी चुनौतीपूर्ण होता है।