क्या भाषाई एकता को नुकसान पहुंचाना सही है? हिंदी-मराठी विवाद पर नकवी का संदेश

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क्या भाषाई एकता को नुकसान पहुंचाना सही है? हिंदी-मराठी विवाद पर नकवी का संदेश

सारांश

क्या भाषाई विवाद राष्ट्र की एकता को कमजोर कर सकता है? भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने हिंदी और मराठी विवाद पर विचार साझा करते हुए नफरत फैलाने वाले बयानों से दूर रहने की अपील की। जानिए उन्होंने और क्या कहा।

Key Takeaways

  • भाषाई एकता को बनाए रखना आवश्यक है।
  • हिंदी अन्य भाषाओं का सम्मान करती है।
  • कांवड़ यात्रा की पवित्रता का सम्मान करना चाहिए।
  • सभी राजनीतिक दलों को मतदाताओं में विश्वास कायम रखना चाहिए।
  • भाषाई विवादों को राजनीतिक हथियार नहीं बनाना चाहिए।

नई दिल्ली, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी की बहस के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने नफरत फैलाने वाले बयानों से दूरी बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा का गौरवशाली इतिहास है और उसकी गरिमा को पूरा देश सम्मान देता है, लेकिन यह सोचना गलत है कि हिंदी किसी भी क्षेत्रीय भाषा की प्रतिद्वंद्वी है।

समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से खास बातचीत में नकवी ने स्पष्ट किया कि हिंदी ने हमेशा अन्य भारतीय भाषाओं के साथ मिलकर विकास किया है, न कि उनके खिलाफ। मराठी, तमिल, तेलुगू, पंजाबी जैसी भाषाएं हिंदी के साथ ही फली-फूली हैं। भाषाई विवादों को राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिशें देश की भाषायी एकता को नुकसान पहुंचाती हैं।

कांवड़ यात्रा को लेकर अव्यवस्था फैलाने के मुद्दे पर भी नकवी ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा लोगों की आस्था, पवित्रता और शुद्धता से जुड़ी होती है। इसका सम्मान करना हर नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है। कुछ लोग इस यात्रा के मार्ग पर जानबूझकर गंदगी या अव्यवस्था फैलाकर इसे अधिकार का नाम दे देते हैं और उनके समर्थक भी सामने आ जाते हैं।

बिहार में मतदाता सूची सुधार और चुनावी प्रक्रिया पर संदेह जताने वाले बयानों पर भी नकवी ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देश में एक साजिशनुमा माहौल तैयार किया जा रहा है, जिसमें मतदाता भ्रमित हो रहे हैं और चुनाव प्रक्रिया पर अविश्वास जताया जा रहा है। उन्होंने इसे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताते हुए कहा कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और हमारी चुनावी प्रक्रिया इसकी आत्मा है। सभी राजनीतिक दलों, सरकार और विपक्ष दोनों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे मतदाताओं में विश्वास और भरोसा कायम रखें, न कि डर और अफवाह फैलाएं।

महागठबंधन में एआईएमआईएम के शामिल होने की इच्छा को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा, "चुनावी चौपाल में जुगाड़ का झंझट चलता रहता है। कोई अंदर आता है और कोई बाहर जाता है। सबको मालूम है कि जुगाड़ के जमघट पनघट तक नहीं पहुंचते। गठबंधन तभी मजबूत होता है जब वह सिद्धांतों और साझा जिम्मेदारियों पर टिका हो, केवल चुनावी गणित से बने गठबंधन टिकाऊ नहीं होते।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि किसी भी भाषा का सम्मान करना आवश्यक है। भाषाई विवादों को राजनीतिक हथियारों के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह हमारे देश की एकता को कमजोर करता है। हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए और एकजुटता की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

मुख्तार अब्बास नकवी ने हिंदी-मराठी विवाद पर क्या कहा?
उन्होंने नफरत फैलाने वाले बयानों से दूरी बनाने की अपील की और कहा कि हिंदी किसी भी क्षेत्रीय भाषा की प्रतिद्वंद्वी नहीं है।
क्या कांवड़ यात्रा पर नकवी का कोई बयान था?
हाँ, उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा की पवित्रता का सम्मान करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
बिहार में चुनावी प्रक्रिया पर नकवी की क्या चिंता है?
उन्होंने कहा कि एक साजिशनुमा माहौल तैयार किया जा रहा है, जिससे मतदाता भ्रमित हो रहे हैं।