क्या बिहार में 15 साल में दूसरी बार कमाल कर पाया जदयू-भाजपा का गठबंधन?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए ने 195 सीटों पर बढ़त बनाई है।
- भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
- महागठबंधन को जनता ने नकार दिया है।
- मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई।
- फाइनल नतीजों में बदलाव संभव है।
पटना, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाले एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने एक बार फिर से सफलता का परचम लहराया है। चुनाव आयोग के प्रारंभिक रुझानों में एनडीए ने 195 सीटों पर बढ़त बनाई है।
चुनाव आयोग के रुझानों के अनुसार, भाजपा ने दोपहर साढ़े 12 बजे तक 87 सीटों पर बढ़त कायम रखी है, जो इसे सबसे बड़ी पार्टी बनाती है। वहीं, भाजपा की सहयोगी जदयू 79 सीटों पर आगे चल रही है। एनडीए के अन्य घटक दलों में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 21, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 3 सीटों पर बढ़त मिली है।
यदि यही रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं, तो यह बिहार में एनडीए की 2010 के बाद दूसरी सबसे बड़ी जीत होगी।
2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने 206 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। जदयू ने 115 सीटें जीतकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि भाजपा ने 91 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी का दर्जा प्राप्त किया। राजद के नेतृत्व वाले गठबंधन को केवल 25 सीटों पर जीत मिली थी, जिसमें राजद ने अकेले 22 सीटों पर कब्जा किया और एलजेपी ने 3 सीटों पर जीत दर्ज की।
वहीं, महागठबंधन को बिहार की जनता ने नकार दिया है। महागठबंधन की मुख्य पार्टी राजद को केवल 31 सीटों पर बढ़त मिली है, जबकि कांग्रेस वर्तमान में 5 सीटों पर आगे है। अन्य घटक दलों में शामिल भाकपा-माले को 6, माकपा और भाकपा को 1-1 सीट पर बढ़त मिली है।
चुनाव आयोग के रुझानों के अनुसार, एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) को 4 और बहुजन समाज पार्टी को 1 सीट पर बढ़त हासिल है।
फिलहाल, यह रुझान प्रारंभिक चरणों की मतगणना के आधार पर सामने आए हैं। हालाँकि, अंतिम दौर तक वोटों की गिनती में आंकड़ों में परिवर्तन संभव है।
सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई। पहले डाक मतपत्रों की गिनती की गई और उसके बाद सुबह 8.30 बजे से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के मतों की गिनती आरंभ हुई।