क्या बिहार चुनाव मतगणना में एनडीए की बढ़त ने भाजपा नेताओं को उत्साहित किया?
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए ने बिहार चुनाव में बढ़त बनाए रखी है।
- भाजपा और जदयू के नेताओं ने बिहार की जनता का आभार व्यक्त किया।
- बिहार ने सुशासन को प्राथमिकता दी है।
- भाजपा प्रवक्ता ने बढ़त को स्पष्ट बताया।
- महागठबंधन पर भी निशाना साधा गया।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में चुनाव नतीजों की प्रारंभिक तस्वीर सामने आते ही एनडीए में खुशी की लहर दौड़ गई है। एनडीए ने बढ़त बनाए रखी है। इस बीच, भाजपा और जदयू के कई नेताओं ने बिहार की जनता का आभार व्यक्त किया है। यूपी से लेकर दिल्ली और पटना तक भाजपा नेताओं का कहना है कि बिहार ने सुशासन का चयन किया है।
लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने बिहार के मतदाताओं का धन्यवाद करते हुए कहा, "मैं बहुत खुश हूं और गर्व महसूस कर रहा हूं। बिहार की जनता ने जिस भारी समर्थन के साथ एनडीए को आशीर्वाद दिया है, उसके लिए मैं हृदय से उनका आभार व्यक्त करता हूं। लोगों ने समृद्ध और सुरक्षित बिहार के लिए एनडीए पर भरोसा जताया है। मुझे लगता है कि आज बिहार की जनता की जो भावना है, वही भावना पूरे देश की जनता की भी है।"
भाजपा प्रवक्ता रवि त्रिपाठी ने पटना में कहा कि एनडीए की बढ़त बहुत स्पष्ट है। उन्होंने कहा, "अगर आप पोस्टल बैलेट देखें तो हमने लगातार बढ़त बनाए रखी है। जैसे ही ईवीएम की गिनती शुरू हुई, हमारी बढ़त जारी रही। अगर ध्यान से देखें तो हमारे आंकड़े 160 से ऊपर जा रहे हैं।"
दिल्ली में भाजपा नेता गौरव भाटिया ने एनडीए की बढ़त का स्वागत करते हुए कांग्रेस के 60 लाख वोट कटने वाले आरोप को सिरे से खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, "बिहार इतिहास लिख रहा है। अगर सुशासन का कोई दूसरा नाम है तो वह नीतीश कुमार है। महिला सशक्तिकरण का असली पर्याय एनडीए है। युवाओं के सपनों को पूरा करने का काम भाजपा और जदयू ही करती हैं। आज इतिहास लिखा जा रहा है और विपक्ष को करारा जवाब भी मिल रहा है।"
उन्होंने आगे कहा, "बिहार की जनता ने सुशासन पर मोहर लगा दी है। चारों ओर जश्न का माहौल है।"
गौरव भाटिया ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, "ये वो लोग हैं जिनकी आस्था न संविधान में है, न ही हमारे मजबूत लोकतंत्र में।"
जैसे-जैसे रुझान सामने आ रहे हैं, एनडीए का आत्मविश्वास बढ़ता जा रहा है। पार्टी नेताओं के बयान साफ बताते हैं कि उन्हें ऐतिहासिक जीत की उम्मीद है। अब सभी की निगाहें अंतिम नतीजों पर टिकी हैं, जो तय करेंगे कि बिहार की कमान किसके हाथ में जाएगी।