क्या एआईएमआईएम तीसरे मोर्चे के लिए बातचीत में है?

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क्या एआईएमआईएम तीसरे मोर्चे के लिए बातचीत में है?

सारांश

बिहार चुनाव में तीसरे मोर्चे की संभावना बढ़ी है। एआईएमआईएम ने अन्य दलों से बातचीत शुरू की है। अख्तरुल ईमान ने महागठबंधन की उदासीनता पर प्रतिक्रिया दी है और कहा कि पार्टी ने सभी विकल्प खुले रखे हैं। क्या एआईएमआईएम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाएगी? जानें इस लेख में।

Key Takeaways

  • एआईएमआईएम ने तीसरे मोर्चे की संभावनाओं पर बातचीत शुरू की है।
  • अख्तरुल ईमान ने महागठबंधन की उदासीनता पर टिप्पणी की।
  • पार्टी ने अपने लिए सभी विकल्प खुले रखे हैं।
  • बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना है।

पटना, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव में अब तीसरे मोर्चे की संभावना बढ़ती हुई नजर आ रही है। एआईएमआईएम ने अन्य राजनीतिक दलों से इस विषय पर बातचीत शुरू कर दी है। महागठबंधन की ओर से एआईएमआईएम के प्रति दिखाई गई उदासीनता के बाद, बिहार प्रदेश के प्रमुख अख्तरुल ईमान ने कहा कि मंजिल तक पहुंचने के लिए पार्टी ने सभी विकल्प खुले रखे हैं।

अख्तरुल ईमान ने कहा, "हम थर्ड फ्रंट के लिए प्रयास कर रहे हैं। यदि ट्रेन छूट जाती है तो लोग बस से यात्रा करेंगे। मंजिल तक पहुंचने के लिए कुछ करना आवश्यक है। थर्ड फ्रंट के लिए कई दलों से बातचीत चल रही है। मेरा ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस पहले से था। हमारे कुछ साथी हैं और कुछ नए सहयोगियों से भी चर्चा हो रही है।"

एआईएमआईएम ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया ब्लॉक में शामिल होने की इच्छा जताई थी। अख्तरुल ईमान ने कहा कि हमने बिहार के लोगों के हित में, सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने और सांप्रदायिक सरकार को हटाने के लिए बड़ा दिल दिखाते हुए यह प्रस्ताव दिया है। लेकिन, इस उदारता को कमजोरी समझा गया। उन्होंने कहा कि उनके प्रवक्ताओं के बयानों से दुख होता है। हालांकि, उनके कुछ सांसदों और विधायकों से इस पर बातचीत की गई है। अब निर्णय उन्हें लेना है। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि हम एक निश्चित समय तक ही इंतज़ार करेंगे।

उन्होंने कहा कि हम किसी चीज़ के मोहताज नहीं हैं। गेंद अब गठबंधन के पाले में है। उन्हें संजीदा होना चाहिए। जो चाहें करें। यदि वे नहीं करेंगे तो हम अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। ऐसा होने पर किसी को भी उंगली नहीं उठानी चाहिए। जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की भूमिका पर अख्तरुल ईमान ने कहा कि वे प्रबंधन के व्यक्ति हैं और उनका कोई विशेष प्रभाव नहीं है। वे सामान्य चुनाव कभी नहीं लड़े हैं। इस समय आम जनमानस चुप्पी साधे हुए है। अभी कुछ कहना मुश्किल है।

Point of View

बिहार चुनाव में एआईएमआईएम की सक्रियता महत्वपूर्ण है। यह राजनीति में नए समीकरणों की संभावना को जन्म देती है। हालांकि, महागठबंधन के प्रति उनकी प्रतिक्रिया भी दर्शाती है कि राजनीतिक खेल में कोई भी पक्ष कमजोर नहीं होना चाहता। हमें देखना होगा कि यह स्थिति आगे कैसे विकसित होती है।

NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

बिहार चुनाव में एआईएमआईएम की भूमिका क्या है?
एआईएमआईएम ने अन्य दलों से बातचीत शुरू की है और तीसरे मोर्चे के गठन की कोशिश कर रही है।
अख्तरुल ईमान का क्या कहना है?
उन्होंने कहा कि पार्टी ने सभी विकल्प खुले रखे हैं और वे थर्ड फ्रंट के लिए प्रयासरत हैं।