क्या बिहार चुनाव से पहले जदयू और राजद के बीच 'पोस्टर वॉर' चल रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- जदयू और राजद के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
- पोस्टरों के माध्यम से खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश।
- राजनीतिक संवाद और रणनीतियाँ महत्वपूर्ण हैं।
- बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है।
- मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए नए तरीके अपनाए जा रहे हैं।
पटना, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) मतदाताओं को आकर्षित करने के प्रयास में हैं। दोनों राजनीतिक दल पोस्टरों के माध्यम से एक-दूसरे से बेहतर होने का दावा कर रहे हैं। बिहार की राजधानी पटना की कई सड़कों पर इन पोस्टरों में दोनों दलों के दावे स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहे हैं।
राजधानी पटना में जदयू और राजद की ओर से पोस्टर लगाए गए हैं। राजद के पोस्टरों में महागठबंधन की 17 महीने की सरकार के कार्यों का श्रेय लिया गया है, जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू और राजद की सरकार थी।
वहीं, जदयू के पोस्टरों में नीतीश सरकार की सराहना की गई है और नारों के माध्यम से खुद को अन्य दलों से बेहतर साबित करने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही, फिर से एनडीए सरकार बनाने की बात भी कही गई है। यह दिलचस्प है कि दोनों दलों के पोस्टर पटना की सड़कों पर पास-पास लगे हैं।
जदयू द्वारा लगाए गए पोस्टरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीरें हैं। इन पोस्टरों में लिखा है, 'महिलाओं की जय-जयकार, फिर से एनडीए सरकार', 'नौकरी, रोजगार, खुशहाल बिहार, फिर से एनडीए सरकार' और 'लग रहे उद्योग, मिल रहा रोजगार, फिर से एनडीए सरकार।'
वहीं, राजद द्वारा लगाए गए पोस्टरों में तेजस्वी यादव की तस्वीर है। इनमें लिखा है, '2025-2030 बिहार मांगे 17 महीनों वाली तेजस्वी सरकार' और 'तरक्की, खुशहाली, शांति, 2025-2030 तेजस्वी क्रांति', जिसमें राजद ने एनडीए से बेहतर होने का दावा किया है।
हालांकि, चुनाव में अभी समय है, लेकिन इन पोस्टरों से यह स्पष्ट है कि आने वाला चुनावी मुकाबला बेहद रोचक होगा।