क्या बिहार में एनडीए के पास न विजन है और न चेहरा? : कृष्णा अल्लावरु

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया गया है।
- एनडीए के पास रिपोर्ट कार्ड नहीं है।
- महागठबंधन के पास विजन और एकजुटता है।
- बिहार की जनता बदलाव के लिए वोट करेगी।
- कांग्रेस का विजन शिक्षा और रोजगार के लिए है।
पटना, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने गुरुवार को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में गठबंधन समन्वय समिति के प्रमुख तेजस्वी यादव के नाम की घोषणा की है। इसके बाद कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि एनडीए के पास न तो विजन है और न ही चेहरा है।
उन्होंने कहा कि बिहार में 20 वर्ष से एनडीए की सरकार है, और 11 वर्षों से केंद्र में भी एनडीए की सरकार है, लेकिन आज उनके पास रिपोर्ट कार्ड भी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनाव में एनडीए को बताना चाहिए कि उन्होंने कमाई के लिए क्या कार्य किए हैं और शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए उनके पास क्या रिपोर्ट कार्ड है।
कांग्रेस के नेता कृष्णा अल्लावरु ने कहा कि एनडीए को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि चुनाव जीतने के बाद क्या वे नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाएंगे। उन्होंने कहा कि आज इंडिया गठबंधन ने बिहार के लिए विजन प्रस्तुत किया है। हम एक विजन के साथ लोगों के बीच जा रहे हैं। हमारे पास विजन भी है और चेहरा भी है। हम शिक्षा, रोजगार और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक विजन बनाए हुए हैं और गठबंधन में एकजुटता भी है।
उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता इस चुनाव में बदलाव के लिए वोट करेगी और महागठबंधन की सरकार बनेगी।
इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने गुरुवार को तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। साथ ही, मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार चुना गया। महागठबंधन की संयुक्त प्रेस वार्ता में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि इस गठबंधन में शामिल सभी दलों ने यह निर्णय लिया है कि यदि महागठबंधन की सरकार बनती है, तो तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री होंगे और वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी उपमुख्यमंत्री बनेंगे।