क्या बिहार में आम आदमी पार्टी का कोई जनाधार है? केजरीवाल के ऐलान पर कांग्रेस का जवाब

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में आम आदमी पार्टी का कोई संगठन नहीं है।
- कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने पर सवाल उठाए हैं।
- राजनीतिक पहचान और संगठन का महत्व।
- लोकतंत्र में हर पार्टी को अपने निर्णय लेने का अधिकार है।
नई दिल्ली/पटना, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में आम आदमी पार्टी के अपने दम पर चुनाव लड़ने के घोषणा पर कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कांग्रेस का कहना है कि बिहार में आम आदमी पार्टी को कोई नहीं जानता। कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा, "यह समझ से परे है कि आम आदमी पार्टी किस स्थिति में बिहार में चुनाव लड़ने जा रही है।"
तारिक अनवर ने न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "बिहार में आम आदमी पार्टी का कोई संगठन नहीं है। उनकी कोई पहचान नहीं है। अगर ऐसी स्थिति में वो चुनाव लड़ रहे हैं तो यह समझने योग्य नहीं है।"
उन्होंने यह भी कहा कि हर पार्टी को अपने निर्णय लेने का अधिकार है। आम आदमी पार्टी ने यह तय किया है कि वे बिहार में चुनाव लड़ेंगे, तो उन्हें रोकना संभव नहीं है, क्योंकि देश में लोकतंत्र है। सभी पार्टियां अपनी किस्मत आजमाने जा सकती हैं।
तारिक अनवर ने कहा, "इंडी अलायंस लोकसभा के लिए बना था। राज्यों में राजनीतिक परिस्थितियां भिन्न होती हैं, क्योंकि वहां क्षेत्रीय पार्टियां होती हैं। जाहिर है कि बिहार में हमारा गठबंधन संभव नहीं था। जहां संभव है, कांग्रेस अन्य दलों के साथ गठबंधन करती है, लेकिन जहां ऐसा नहीं है, वहां अन्य लोगों को रोकने का अधिकार नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "बिहार में आम आदमी पार्टी का एक भी मुखिया नहीं है। ऐसी स्थिति में वे चुनाव लड़ने जा रहे हैं, संभवतः उन्हें वहां कुछ संभावनाएं नजर आ रही होंगी।"
कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी अरविंद केजरीवाल के फैसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "अरविंद केजरीवाल ने 10 सालों तक दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है, इसलिए उन्हें लोग जानते हैं, लेकिन बिहार में उनकी पार्टी को कोई नहीं जानता।"
कांग्रेस नेता राजेंद्र पाल गौतम ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "अरविंद केजरीवाल को अपने 2011 के आंदोलन पर विचार करना चाहिए कि वह वास्तव में किसका आंदोलन था? वह आरएसएस समर्थित आंदोलन था, जो कांग्रेस को समाप्त करने की एक साजिश थी।"
उन्होंने सवाल उठाया, "आज लोकपाल कहां है? याद कीजिए, अरविंद केजरीवाल ने 49 दिन बाद सरकार खुद गिराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि मैं लोकपाल बिल लाना चाहता हूं और कांग्रेस सहयोग नहीं दे रही। अगले चुनाव में 67 सीटें जीतने के बाद, फिर क्यों लोकपाल नहीं लाए?"
राजेंद्र पाल गौतम ने कहा, "आज वे भ्रष्टाचार पर बोलने की बजाय खुद भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे हुए हैं। वे अब कालेधन के मुद्दे पर भी बात नहीं करते।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी का रिश्ता बीजेपी के साथ है।
गुजरात के गांधीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरविंद केजरीवाल ने बिहार में चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और इंडी अलायंस से गठबंधन खत्म करने की घोषणा की। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने कांग्रेस को विसावदर में चुनाव लड़ने के लिए भेजा था, जो आम आदमी पार्टी के खिलाफ खड़ी हुई थी।