क्या बिहार में गंगा सहित कई नदियां उफान पर हैं, दियारा इलाकों में क्यों बढ़ी परेशानी?

सारांश
Key Takeaways
- गंगा और अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ा है।
- बाढ़ ने दियारा इलाकों में समस्याएं बढ़ाई हैं।
- सरकार ने 78 विद्यालयों को बंद करने का आदेश दिया है।
- बाढ़ का पानी कई गांवों में फैल गया है।
- मुख्यमंत्री ने स्थिति का जायजा लिया है।
पटना, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में मानसून की सक्रियता के बाद गंगा और कई अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। पटना के दियारा क्षेत्रों में बाढ़ का पानी आने से निवासियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गंगा, बूढ़ी गंडक और पुनपुन नदियों ने खतरनाक स्थिति उत्पन्न कर दी है। ये सभी नदियां खतरे के लाल निशान को पार कर चुकी हैं।
गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण दियारा क्षेत्रों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है। धनरुआ, दनियावां और फतुहा के कई गांवों में बाढ़ का पानी फैल चुका है। पटना जिला प्रशासन ने 78 विद्यालयों को बंद रखने के आदेश दिए हैं। गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण मनेर और दानापुर प्रखंडों के टाल क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी भर गया है।
बिहार जल संसाधन विभाग के अनुसार, रविवार को गंगा नदी पटना जिले में दीघा, गांधीघाट और हाथीदह के समीप खतरे के निशान को पार कर गई है, जबकि पुनपुन नदी श्रीपालपुर में लाल निशान से ऊपर बह रही है। बूढ़ी गंडक खगड़िया में भी खतरनाक स्थिति में है। इस बीच, पटना जिले के मनेर में सोन नदी का जलस्तर सुबह छह बजे खतरे के निशान से 25 सेंटीमीटर ऊपर था, लेकिन सोमवार को इसमें कमी आने की संभावना है।
रोहतास जिले में सोन नदी के कटाव को लेकर तटीय गांवों के लोग चिंतित हैं। सोन नदी के उफान पर होने के कारण नौहट्टा और तिलौथू क्षेत्रों में बाढ़ का पानी कई गांवों में फैल गया है, जिससे फसलों को भी नुकसान होने की आशंका है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया था। उन्होंने पटना सिटी के कंगन घाट से दानापुर के नासरीगंज घाट तक गंगा नदी के जलस्तर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर एवं तटीय इलाकों की वर्तमान स्थिति की जानकारी अधिकारियों से ली थी।