क्या बिहार में कांग्रेस का रोजगार मेला युवाओं के लिए वास्तविक रोजगार का माध्यम बनेगा?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस पार्टी का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नौकरी दिलाना है।
- रोजगार मेला कई कंपनियों को आकर्षित करेगा।
- इस मेले का राजनीतिक प्रभाव भी हो सकता है।
- कन्हैया कुमार ने राहुल गांधी की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया।
- बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा को बढ़ावा मिलेगा।
पटना, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता कन्हैया कुमार ने यह दावा किया कि उनकी पार्टी हमेशा रोजगार के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करती है। बिहार में भी कांग्रेस बेरोजगारों को नौकरी देने के उद्देश्य से एक रोजगार मेला आयोजित कर रही है।
कन्हैया ने कहा कि इस मेले का मुख्य लक्ष्य अधिक से अधिक युवाओं को नौकरी दिलाना है।
शनिवार को पटना के ज्ञान भवन में कांग्रेस पार्टी द्वारा एक भव्य रोजगार मेला का आयोजन किया जा रहा है। यह मेला कई कंपनियों के भाग लेने का दावा करता है, जहाँ इंटरव्यू के माध्यम से युवाओं को नौकरी दी जाएगी। कांग्रेस पार्टी पहले भी दिल्ली में सांसद राहुल गांधी के जन्मदिन पर एक रोजगार मेला आयोजित कर चुकी है।
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच, इस रोजगार मेले के आयोजन से युवाओं को आकर्षित करने के लिए कांग्रेस पार्टी की कोशिशों से बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ने की उम्मीद है।
शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कन्हैया कुमार ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी रोजगार के मुद्दे को गंभीरता से लेते हैं। बिहार में उनकी 'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा के दौरान यह प्रतिबद्धता स्पष्ट थी। उन्होंने पटना में हो रहे रोजगार मेले का जिक्र करते हुए कहा कि भले ही कांग्रेस सत्ता में न हो, फिर भी वह बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए कदम उठा रही है।
कन्हैया ने यह सवाल उठाया, "अगर विपक्षी दल ऐसा कर सकते हैं, तो सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती?"
कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी के पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा, "पीएम मोदी ने हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, जिसके अनुसार 11 साल में 22 करोड़ लोगों को रोजगार मिलना चाहिए था। बिहार की जनसंख्या के अनुसार, कम से कम 2 करोड़ को तो रोजगार मिलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।"