क्या बिहार में एनडीए की जीत उसी दिन तय हो गई थी जब लगे थे शहाबुद्दीन जिंदाबाद के नारे?

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क्या बिहार में एनडीए की जीत उसी दिन तय हो गई थी जब लगे थे शहाबुद्दीन जिंदाबाद के नारे?

सारांश

बिहार में एनडीए की बढ़त ने मनोज तिवारी को उत्साहित कर दिया है। उन्होंने कहा कि जीत का संकेत तब मिला जब तेजस्वी यादव ने शहाबुद्दीन के समर्थन में नारे लगाए। जानिए इस पर मनोज तिवारी क्या कहते हैं।

Key Takeaways

  • एनडीए की जीत को लेकर मनोज तिवारी का उत्साह।
  • तेजस्वी यादव के नारे ने चुनाव परिणाम को प्रभावित किया।
  • बिहार में विकास कार्यों की सराहना।
  • राहुल गांधी पर मनोज तिवारी की तीखी टिप्पणी।
  • बिहार की जनता का स्पष्ट संदेश।

नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में शुक्रवार को हो रही मतगणना में एनडीए की जबरदस्त बढ़त देखकर दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी प्रसन्न नजर आए। उन्होंने कहा कि जीत उसी दिन तय हो गई थी, जब तेजस्वी यादव ने शहाबुद्दीन जिंदाबाद के नारे लगाए थे।

मनोज तिवारी ने एक बार फिर इंडिया महागठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "एनडीए की यह प्रत्याशित जीत है, अप्रत्याशित नहीं। जिस दिन इंडिया महागठबंधन ने शहाबुद्दीन जिंदाबाद बोला था, हम उसी दिन समझ गए थे कि बिहार की जनता अब शहाबुद्दीन जिंदाबाद के साथ नहीं जाएगी। राहुल गांधी ने छठ त्योहार को ड्रामा बताया और कई लोगों की आस्था पर सवाल किया, उस दिन भी हमें यकीन हो गया था कि बिहार की जनता का प्रचंड विश्वास हमारे साथ है।"

बिहार में विकास के विषय में बात करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी ने बिहार का रूप बदला है। खड़ंजे बन गए, बड़ी-बड़ी पुलिया बन गई हैं और सड़कों और फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है। गांवों में अस्पताल बन रहे हैं। लोगों को इलाज और अनाज दोनों मिल रहे हैं। बिहार ने आज साबित कर दिया है कि जिस सरकार ने काम किया है, उन्होंने उसे ही चुना है।

राहुल गांधी पर एक और वार करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि पार्टी की असफलता को वह वोट चोरी के मुद्दे के पीछे छिपाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी पार्टी को बर्बाद करने के लिए किसी को ठेका दे रखा है। वे वोट चोरी जैसे मुद्दों को उठाकर अपनी पार्टियों की खामियों को छिपा रही हैं, लेकिन बिहार के लोगों ने इसका जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार संस्कारों पर चलता है और उनका संस्कार है कि उठो और मारो गोली, लेकिन हमारे संस्कार ऐसे नहीं हैं। हम सबको साथ लेकर चलने पर विश्वास रखते हैं।

बिहार में जीत के दावों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि 175 प्लस हमारी आशा थी और बिहार ने हमारी आशा को पूरा किया है। अमित शाह ने लोगों से सोच समझकर 160 मांगा था, लेकिन इस बार बिहार ने दिल खोलकर वोट किया है।

Point of View

यह परिणाम बिहार के विकास के परिदृश्य और राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।
NationPress
14/11/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में एनडीए की जीत का मुख्य कारण क्या था?
मनोज तिवारी के अनुसार, एनडीए की जीत का मुख्य कारण जनता का विश्वास और विकास कार्य हैं।
तेजस्वी यादव के शहाबुद्दीन जिंदाबाद के नारे का क्या प्रभाव पड़ा?
मनोज तिवारी का मानना है कि इस नारे ने जनता में एनडीए के प्रति विश्वास को मजबूत किया।