क्या बिहार में नीतीश कुमार हैं सबकी पसंद? चुनाव नतीजों से होगा स्पष्ट: जदयू महासचिव मनीष वर्मा
सारांश
Key Takeaways
- बिहार चुनाव के शुरुआती रुझान दर्शाते हैं कि लोग नीतीश कुमार को पसंद कर रहे हैं।
- एनडीए ने जनता के निर्णय को स्वीकार करने की प्रतिबद्धता जताई है।
- चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही और रिकॉर्ड मतदान हुआ है।
पटना, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष कुमार वर्मा ने बिहार चुनाव के प्रारंभिक रुझानों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि स्थिति अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन जनता का मूड साफ दिखाई दे रहा है।
उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बताया, "ये सिर्फ शुरुआती रुझान हैं। अभी कई चरणों की गिनती बाकी है, इसलिए किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। फिर भी, यह स्पष्ट है कि बिहार के लोगों ने एनडीए के प्रति मजबूत समर्थन व्यक्त किया है।"
मनीष कुमार वर्मा ने साझा किया कि उन्होंने लगभग 70 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया और वहां के निवासियों से संवाद किया।
उन्होंने कहा, "जिन क्षेत्रों में मैंने यात्रा की, वहां का माहौल यह दर्शाता है कि लोग नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं। हर जगह एक ही आवाज थी—'नीतीश जी को वापस लाना है।' यह समर्थन अब रुझानों में भी नज़र आ रहा है।"
उन्होंने कहा कि एनडीए जनता की अदालत में है। बिहार की जनता जो जनादेश देगी, एनडीए उसे पूरी तरह से स्वीकार करेगा। हम जनता के निर्णय का सम्मान करेंगे। उन्हीं के आदेश से सरकार बनेगी और आगे की दिशा तय होगी।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए 'टाइगर जिंदा है' पोस्टर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वर्मा ने कहा, "हमारे नेताओं ने पहले ही कहा था कि नीतीश कुमार थे, हैं और रहेंगे। जनता ने इस विश्वास को फिर से मजबूत किया है। अंतिम परिणाम आने में समय है। परिणाम के बाद आगे की चर्चा अधिक उपयुक्त होगी।"
मनीष कुमार वर्मा ने यह भी कहा कि चुनाव प्रक्रिया इस बार बेहद शांतिपूर्ण रही। चुनाव के दौरान किसी भी बूथ पर दोबारा मतदान नहीं हुआ। यह एक बड़ा संदेश है कि बिहार के हर कोने में शांति और अनुशासन के साथ रिकॉर्ड मतदान हुआ है।
जदयू नेता के बयान से स्पष्ट है कि पार्टी प्रारंभिक रुझानों के आधार पर आत्मविश्वास से भरी है, लेकिन वे अंतिम परिणामों का भी इंतजार कर रहे हैं। जहां एनडीए नेताओं को नीतीश कुमार के नेतृत्व पर जनता के भरोसे का यकीन है, वहीं वे यह भी कह रहे हैं कि गणना पूरी होने के बाद ही कोई ठोस निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए।
बिहार में चुनावी माहौल अब निर्णायक मोड़ पर है और जल्द ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि जनता ने राज्य की कमान किसके हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है।