क्या रोहिणी आचार्य के तिरस्कार पर जदयू विधायक कोमल सिंह ने सही कहा?

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क्या रोहिणी आचार्य के तिरस्कार पर जदयू विधायक कोमल सिंह ने सही कहा?

सारांश

बिहार में रोहिणी आचार्य के मामले ने एक नई बहस को जन्म दिया है। जदयू विधायक कोमल सिंह ने महिलाओं की शक्ति और सम्मान के बारे में महत्वपूर्ण बातें की हैं, जिसे जानना जरूरी है। जानिए इस मामले में क्या कहा गया है और इससे राजनीतिक परिदृश्य पर क्या असर पड़ सकता है।

Key Takeaways

  • महिलाएं कोमल होती हैं, लेकिन कमजोर नहीं होतीं।
  • बिहार की बेटियों को आज शक्ति मिली है।
  • राजनीति में महिलाओं का सम्मान जरूरी है।
  • नागरिकों को जात-पात से ऊपर उठकर वोट देना चाहिए।
  • महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए खड़ा होना चाहिए।

पटना, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में रोहिणी आचार्य प्रकरण के संदर्भ में एनडीए की सहयोगी पार्टी राजद के नेता लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी को घेरने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे हैं। गायघाट से जनता दल (यूनाइटेड) की विधायक कोमल सिंह ने कहा कि महिलाएं कोमल होती हैं, लेकिन कमजोर नहीं।

विधायक कोमल सिंह ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "बिहार की बेटियों को आज शक्ति मिली है। महिलाओं का सशक्तिकरण हो, रोजगार हो या महिलाओं के घर से बाहर निकलने की बात, ये सभी एनडीए सरकार की देन है।"

लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के मामले पर उन्होंने कहा, "यह राजद का मुद्दा है। मैं भी एक महिला हूं, जब मैं चुनाव लड़ रही थी तो मुझ पर काफी कटाक्ष किए गए। बेटा हो या बेटी, सभी को समान सम्मान मिलना चाहिए। महिलाओं को हमेशा आगे बढ़ाना चाहिए। बिहारवासी बेटियों को सम्मान देते हैं और यह प्रमाण है कि आज बेटी जीतकर आई है। किसी भी महिला का अपमान नहीं होना चाहिए, क्योंकि महिलाएं कोमल होती हैं, लेकिन कमजोर नहीं।"

उन्होंने कहा, "एनडीए की प्रचंड जीत पर मैं सभी बिहारवासियों को बधाई देना चाहूंगी, क्योंकि सभी ने मिलकर एक अच्छा निर्णय लिया है। जैसे हमारा देश आगे बढ़ रहा है, वैसे ही बिहार भी आगे बढ़ रहा है। मेरा पूरा विश्वास था कि हर बिहारवासी जात-पात से ऊपर उठकर बिहार के विकास के लिए वोट करेगा। इसी का परिणाम है कि बिहार में एनडीए सरकार की प्रचंड बहुमत से वापसी हुई है।"

वास्तव में, चुनाव परिणाम के बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने साथ हुए बदसलूकी की जानकारी दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "मुझे गालियों के साथ कहा गया कि मैं गंदी हूं, करोड़ों रुपए लिए, टिकटलिया, तब अपने पिता को अपनी गंदी किडनी लगवाई।"

उन्होंने यह भी कहा कि सभी शादीशुदा बेटी-बहन से मैं यह कहूंगी कि अगर मायके में कोई बेटा-भाई हो तो भूलकर भी अपने भगवान रूपी पिता को न बचाएं। अपने भाई से कहें कि वह अपनी या अपने किसी हरियाणवी दोस्त की किडनी लगवा दे।"

उन्होंने लिखा, "सभी बहनें पिता की परवाह किए बिना अपने बच्चे, अपना काम, अपना ससुराल देखें, केवल अपने बारे में सोचें। मुझसे तो यह बड़ा गुनाह हो गया कि मैंने अपने परिवार, अपने तीनों बच्चों को नहीं देखा। किडनी देते समय न अपने पति, न अपने ससुराल से इसकी अनुमति ली। अपने पिता को बचाने के लिए जो किया, उसे आज गंदा बता दिया गया। आप सभी मेरे जैसी गलती कभी न करें। किसी घर में रोहिणी जैसी बेटी न हो।

Point of View

और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी को समान सम्मान मिले। यह न केवल एक राजनीतिक मुद्दा है, बल्कि यह समाज के विकास के लिए भी आवश्यक है।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या रोहिणी आचार्य का मामला राजनीतिक है?
हाँ, यह मामला बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर क्या कहा गया?
जदयू विधायक कोमल सिंह ने कहा कि महिलाएं कोमल होती हैं, लेकिन कमजोर नहीं।
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