क्या बिहार में एसआईआर के माध्यम से वोटिंग का अधिकार छीनने की साजिश है? : खड़गे

Click to start listening
क्या बिहार में एसआईआर के माध्यम से वोटिंग का अधिकार छीनने की साजिश है? : खड़गे

सारांश

बिहार विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सियासी हलचल तेज है। विपक्षी सांसदों ने संसद में विरोध-प्रदर्शन किया, जिसमें प्रमुख नेता शामिल हुए। खड़गे ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश के खिलाफ आवाज उठाई। क्या यह सच में एक बड़ा मुद्दा है?

Key Takeaways

  • बिहार के एसआईआर पर सियासी हलचल तेज हुई है।
  • विपक्ष ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया है।
  • मल्लिकार्जुन खड़गे ने वोटिंग अधिकार बचाने की बात की।
  • चुनाव आयोग ने एसआईआर की वैधता पर जोर दिया है।
  • विपक्ष की मांग है कि इस पर संसद में चर्चा हो।

नई दिल्ली, २८ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनावों से पूर्व मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर देश की राजनीति गर्म हो गई है। सोमवार को विपक्षी दलों के सांसदों ने इस मुद्दे पर संसद परिसर में जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया।

इस प्रदर्शन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव सहित इंडी अलायंस के कई बड़े नेता और सांसद शामिल हुए।

यह विरोध-प्रदर्शन संसद के मकर द्वार के पास आयोजित किया गया, जहां विपक्षी नेता एक बड़ा बैनर लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। बैनर पर लिखा था- 'एसआईआर- लोकतंत्र पर हमला'। इसका मतलब यह है कि एसआईआर लोकतंत्र पर सीधा प्रहार है। केंद्र सरकार लोकतंत्र को कमजोर करने का काम कर रही है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने एसआईआर के खिलाफ नारे लगाए। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) एकतरफा और पक्षपातपूर्ण तरीके से किया जा रहा है, जिससे निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। विपक्षी सांसदों ने यह भी मांग की कि एसआईआर जैसे गंभीर मुद्दे पर संसद में व्यापक चर्चा होनी चाहिए।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विरोध-प्रदर्शन से जुड़ा एक वीडियो साझा करते हुए खड़गे ने लिखा, "संसद में इंडी गठबंधन जनता के अधिकारों की आवाज उठाता रहेगा। पूरे देश में एसआईआर लागू करवाकर एक साजिश के तहत कमजोर वर्गों से वोटिंग का अधिकार छीनना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोकतंत्र और संविधान पर हम आरएसएस-भाजपा की मनुवादी मानसिकता हावी नहीं होने देंगे।"

उल्लेखनीय है कि एसआईआर को लेकर जारी सियासी संग्राम के बीच विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए एक वैध और जरूरी कदम है। आयोग के हलफनामे के अनुसार, इस प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के १.५ लाख से अधिक बूथ-स्तरीय एजेंटों को शामिल किया गया था।

Point of View

यह जरूरी है कि हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें। एसआईआर प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, लेकिन इसे एकतरफा तरीके से लागू नहीं किया जाना चाहिए। चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता बनाए रखना हमारे लोकतंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

एसआईआर क्या है?
एसआईआर का मतलब विशेष गहन पुनरीक्षण है, जिसका उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है।
इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ आवाज उठाना और इसे लोकतंत्र पर हमला मानना है।
विपक्षी दलों ने क्या मांगा है?
विपक्षी दलों ने एसआईआर पर संसद में व्यापक चर्चा की मांग की है।
चुनाव आयोग का इस पर क्या कहना है?
चुनाव आयोग ने कहा है कि एसआईआर एक वैध और जरूरी कदम है।
क्या एसआईआर से वोटिंग अधिकार प्रभावित होगा?
विपक्षी नेताओं का मानना है कि एसआईआर से कमजोर वर्गों के वोटिंग अधिकार छिन सकते हैं।