क्या बिहार से बंगाल तक कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पांच राज्यों में बंद का एलान किया?

सारांश
Key Takeaways
- कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने 3 अगस्त को बंद का एलान किया है।
- बंद का उद्देश्य भाजपा सरकार के खिलाफ आवाज उठाना है।
- कॉमरेड बसवराज की शहादत को याद किया जाएगा।
- पूर्वी रीजनल ब्यूरो ने स्मृति सभा का आयोजन किया है।
- इस आंदोलन का देश की राजनीति पर गहरा प्रभाव हो सकता है।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और असम में 3 अगस्त को बंद का एलान किया है। इस संदर्भ में, पार्टी ने एक पत्र जारी किया है जिसमें पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों और कार्यकर्ताओं को शामिल होने के लिए आग्रह किया गया है।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि पूर्वी रीजनल ब्यूरो अपनी पार्टी कमेटियों, फौजी इकाइयों और जन संगठनों से अनुरोध करता है कि वे हमारे पार्टी के महासचिव अमर शहीद कॉमरेड बसवराज और कॉमरेड विवेक की शहादत को याद करें, उनके क्रांतिकारी जीवन और कम्युनिस्ट आदर्शों से प्रेरणा लें और क्रांति के मार्ग पर जोश के साथ आगे बढ़ें।
इसके साथ ही, पूर्वी रीजनल ब्यूरो 20 जुलाई से 3 अगस्त 2025 तक स्मृति सभा का आयोजन कर रहा है। इसे सफल बनाने के लिए गांव-गांव, इलाके-इलाके में ग्रुप मीटिंग, आम सभा और रैली का आयोजन करें, ताकि 3 अगस्त 2025 को बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और असम में एक दिवसीय बंद को सफल बनाया जा सके। यह बंद केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा माओवादी नेताओं, कार्यकर्ताओं, समर्थकों और आदिवासी-ग्रामीण जनता पर हो रहे दमन के खिलाफ है।
पत्र में कॉमरेड बसवराज का भी उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है, "21 मई 2025 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गुंडेकोट पहाड़ पर पुलिस के साथ 60 घंटे के संघर्ष के बाद हमारी पार्टी के महासचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य कॉमरेड बसवराज (नवाला केशव राव) अपने दल के साथ शहीद हो गए। 21 मई 2025 को भारत के क्रांतिकारी आंदोलन के लिए काला दिन था।"
ज्ञात हो कि 21 मई को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 27 नक्सली मारे गए थे। मारे गए नक्सलियों में 1.5 करोड़ का इनामी बसवराजू भी शामिल था, जो 70 साल का था और आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के एक गांव का निवासी था।