क्या बिहार चुनाव में भाजपा सांसद ने एनडीए सरकार के कामों का जिक्र किया और लालू-राबड़ी को निशाना बनाया?

सारांश
Key Takeaways
- बिजली की उपलब्धता में सुधार हुआ है।
- महागठबंधन की वापसी से जंगलराज की संभावनाएं हैं।
- एनडीए के बाबूलाल सौर्य को समर्थन देने की अपील।
- राजद नेताओं पर वंचित वर्गों के साथ छल करने का आरोप।
- चिराग पासवान ने राहुल गांधी की जिम्मेदारी पर सवाल उठाया।
खगड़िया, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने बुधवार को एनडीए उम्मीदवार के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर भाजपा सांसद जनार्दन सिग्रीवाल ने राजद पर कटाक्ष किया। उन्होंने लालू-राबड़ी की नाकामी को उजागर करते हुए नीतीश सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का महत्व बताया।
सांसद सिग्रीवाल ने कहा, "पहले बिजली की स्थिति यह थी कि कहीं ट्रांसफार्मर होता था तो पोल नहीं, और कहीं पोल होता था तो बिजली नहीं। अब ट्रांसफार्मर भी है, पोल भी है, और 24 घंटे बिजली भी मिलती है।" उन्होंने बताया कि बिजली की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी है।
उन्होंने लोगों को चेतावनी दी कि यदि गलती की तो महागठबंधन वापस आ जाएगा, जिससे उन्हें वही जंगलराज याद आ जाएगा, जहां लूट, अपहरण, हत्या, और फिरौती की घटनाएं होती थीं।
जनार्दन सिग्रीवाल ने अपील की कि एनडीए के प्रत्याशी बाबूलाल सौर्य को वोट दें ताकि बिहार में फिर से डबल इंजन सरकार बन सके और विकास की रफ्तार को तेज किया जा सके।
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने महागठबंधन की स्थिति पर तीखा हमला किया। उन्होंने महागठबंधन में एकता की कमी का आरोप लगाया और कहा कि यह नेताओं का वंचित वर्ग के साथ छल करने का संकेत है।
चिराग पासवान ने कहा, "महागठबंधन में इतनी अव्यवस्था है, फिर भी राहुल गांधी कहां हैं? क्या उनकी जिम्मेदारी नहीं थी कि वे मिलकर समस्याओं का समाधान करें?"
उन्होंने कहा कि 14 नवंबर के बाद बिहार में एनडीए सरकार बनेगी, और लोगों ने समझ लिया है कि यदि महागठबंधन पांच पार्टियों को एक साथ नहीं रख सकता, तो वह बिहार को कैसे एकजुट रख सकता है।
चिराग पासवान ने यह भी कहा कि जो लोग गठबंधन को संभाल नहीं सकते, वे किस दुनिया में जी रहे हैं, यह सोचने वाली बात है। अभी भी दूसरे चरण की नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद ऐसे बयान दिए जा रहे हैं, ताकि गठबंधन की असफलता को छिपाया जा सके।