क्या बुलंदशहर में मां-बेटी से गैंगरेप मामले में दोषियों को सजा मिलेगी?
सारांश
Key Takeaways
- बुलंदशहर में मां-बेटी से गैंगरेप की घटना में 5 दोषियों को दोषी ठहराया गया।
- सजा की सुनवाई 22 दिसंबर को होगी।
- जांच में कई आरोपी मारे गए और कुछ को क्लीनचिट मिली।
- पीड़ित परिवार की मदद के लिए पुलिस को देर से सूचना मिली।
- मामले में सबूत के तौर पर डीएनए सैंपल महत्वपूर्ण साबित हुए।
बुलंदशहर, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बुलंदशहर की बहुचर्चित मां-बेटी गैंगरेप घटना में अदालत ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। मुख्य पोक्सो कोर्ट ने इस मामले में पांच व्यक्तियों को दोषी पाया है। यह घटना 28 जुलाई 2016 को हुई थी, जब एनएच91 पर एक परिवार को बंधक बनाकर मां और बेटी के साथ गैंगरेप किया गया था।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, बुलंदशहर पुलिस ने प्रारंभ में 11 व्यक्तियों को आरोपी बनाया था, जिनमें से तीन को बाद में सीबीआई जांच में क्लीनचिट दी गई। जांच के दौरान, दो आरोपियों को हरियाणा और नोएडा में अलग-अलग पुलिस मुठभेड़ों में मार दिया गया, जबकि ट्रायल के दौरान एक अन्य आरोपी की मृत्यु हो गई। इस प्रकार, अदालत के सामने केवल पांच आरोपियों का ही मुकदमा चला।
कोर्ट ने इन पांचों को भारतीय दंड संहिता की धारा 394, 395, 397, 376डी, 120बी और पोक्सो एक्ट की धारा 5/6 के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने यह भी कहा कि सभी दोषियों को 22 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी।
एडीजीसी वरुण कौशिक ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि घटना के दिन, पीड़ित परिवार नोएडा से शाहजहांपुर में एक तेरहवीं में शामिल होने जा रहा था। दोषियों ने गन पॉइंट पर परिवार को बंधक बना लिया। पीड़िता के ताऊ और भाई को गाड़ी से निकालकर मारा गया और उनके जंगल में ले जाकर पीटा गया।
उन्होंने कहा कि तीन महिलाओं को जंगल में ले जाया गया, जिसमें पीड़िता, उसकी मां और ताई शामिल थीं। सलीम बाबरिया नाम के आरोपी ने सबसे पहले पीड़िता के साथ बलात्कार किया, तब उसकी उम्र केवल 14 वर्ष थी।
एडीजीसी ने बताया कि जब पीड़िता ने विरोध किया, तो आरोपियों ने उसके पिता के साथ मारपीट की और उसकी मां के साथ दो व्यक्तियों ने बलात्कार किया। यह दरिंदगी लगभग दो से ढाई घंटे तक चलती रही। 100 नंबर पर मदद के लिए फोन करने की कोशिश की गई, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद, पीड़िता के पिता ने अपने दोस्त को फोन किया, जिसने तुरंत कप्तान साहब को फोन किया, तब जाकर पुलिस की मदद पहुंची।
इसके बाद, पीड़ित पक्ष को अस्पताल ले जाया गया। हम सभी पांच दोषियों के लिए अधिकतम सजा की मांग करेंगे।
एडीजीसी ने कहा कि सुनवाई के दौरान, सबूत के तौर पर पीड़ित के कपड़ों से मिले आरोपियों के डीएनए सैंपल सबसे अधिक सहायक रहे। इसके अलावा, 25 गवाहों को भी पेश किया गया।