क्या सीबीआई ने 120 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक धोखाधड़ी मामले में तमिलनाडु में छापेमारी की?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई की कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है।
- बैंक धोखाधड़ी के मामले में सख्त जांच की जा रही है।
- छापेमारी में डिजिटल साक्ष्य भी बरामद हुए हैं।
- तमिलनाडु में अनेक स्थानों पर तलाशी ली गई।
- आगे की जांच जारी है।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर बीएसएफबी बेंगलुरु शाखा में दर्ज एक मामले के सिलसिले में एक समन्वित तलाशी अभियान चलाया।
यह मामला इंडियन ओवरसीज बैंक, चेन्नई की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप है कि कांचीपुरम स्थित एक कंपनी ने अपनी संबद्ध संस्थाओं और अज्ञात लोक सेवकों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, संपत्ति के दुरुपयोग और जालसाजी के अपराध किए, जिससे इंडियन ओवरसीज बैंक को 120.84 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
एफआईआर में धोखाधड़ी से विभिन्न ऋण सुविधाएं प्राप्त करना, संपत्ति का दुरुपयोग, बैंक निधियों को सहयोगी संस्थाओं और असंबंधित संस्थाओं में स्थानांतरित करना, संबंधित पक्षों को धन हस्तांतरित करना, निजी फर्मों को ब्याज-मुक्त अग्रिम देना और विमुद्रीकरण के दौरान संदिग्ध मूल की नकदी जमा करने का भी उल्लेख है।
कंपनी और उससे जुड़ी संस्थाओं पर उधार ली गई राशि के अंतिम उपयोग को छिपाने के लिए फर्जी या बेनामी संस्थाओं को धन हस्तांतरित करने का संदेह भी व्यक्त किया गया है।
तमिलनाडु के तेनकासी, चेन्नई और तिरुचिरापल्ली सहित छ स्थानों पर तलाशी ली गई। तलाशी में आरोपी कंपनी के निदेशकों और अधिकारियों से जुड़ी आवासीय संपत्तियां और ऐसे व्यावसायिक प्रतिष्ठान शामिल थे, जिनका आरोपी कंपनी के साथ संदिग्ध लेन-देन था, जिसमें दो निजी कंपनियां भी शामिल थीं।
छापेमारी में धन के हेरफेर से संबंधित रिकॉर्ड सहित आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य और जांच से संबंधित अन्य सामग्री भी बरामद की गई। फिलहाल इस मामले में आगे की जांच जारी है।