क्या सीबीआई ने एफबीआई के सहयोग से बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है?
सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई और एफबीआई ने मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
- इस नेटवर्क ने 8.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी की।
- सीबीआई ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- महत्वपूर्ण सबूतों में 1.88 करोड़ रुपए और 34 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं।
- यह कार्रवाई भारत और अमेरिका के बीच सहयोग का प्रतीक है।
नई दिल्ली, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अमेरिकी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के सहयोग से एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
सीबीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि एजेंसी ने नोएडा में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस धोखाधड़ी के तहत अमेरिकी नागरिकों से 8.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लूट की गई। इस मामले में सीबीआई ने छह मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया और 1.88 करोड़ रुपए एवं 34 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए।
भारत में स्थित अमेरिकी दूतावास ने सीबीआई के पोस्ट को पुनः साझा करते हुए कहा कि यह यूएस-भारत साझेदारी का एक अद्भुत उदाहरण है। एफबीआई के साथ मिलकर भारत की सीबीआई ने एक ट्रांसनेशनल साइबर क्राइम नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, जिसने टेक-सपोर्ट स्कैम के जरिए अमेरिकी नागरिकों से 8.5 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी की थी। सीबीआई ने इस नेटवर्क के पीछे के लोगों को गिरफ्तार किया और काफी अवैध कमाई बरामद की।
2022-2025 की अवधि में ड्रग एन्फोर्समेंट एजेंसी (डीईओ), फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई), और सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन (एसएसए) के अमेरिकी सरकारी अधिकारियों की फर्जी पहचान का इस्तेमाल करते हुए आरोपियों ने अमेरिकी पीड़ितों को धमकी देकर निशाना बनाया, कि उनके सोशल सिक्योरिटी नंबर (एसएसएन) का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग डिलीवरी के लिए किया गया है और उनकी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया जाएगा। उन्होंने पीड़ितों को धोखा देकर 8.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर अपने नियंत्रण वाले क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और विदेशी बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए।
सीबीआई ने 9 दिसंबर को मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली, नोएडा और कोलकाता में आरोपियों से जुड़े कई ठिकानों पर छापे मारे, जहां महत्वपूर्ण आपत्तिजनक सबूत मिले। सीबीआई ने नोएडा, उत्तर प्रदेश में आरोपियों द्वारा चलाए जा रहे एक अवैध कॉल सेंटर में चल रही आपराधिक गतिविधियों में जुटे 6 लोगों को रंगेहाथों पकड़ा और नेटवर्क का भंडाफोड़ किया।
जांच में पता चला है कि यह अंतरराष्ट्रीय साइबर-सक्षम वित्तीय अपराध नेटवर्क अपराध की कमाई को वर्चुअल एसेट और बैंक ट्रांसफर के माध्यम से भेज रहा था। अवैध कॉल सेंटर और आरोपियों के ठिकानों पर की गई तलाशी में 1.88 करोड़ रुपए नकद, 34 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और अपराध से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं।
अपराध की कमाई की पहचान के लिए आगे की कार्रवाई जारी है। व्यापक नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय सुरागों की जांच जारी है। सीबीआई इंटरपोल और विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर संगठित टेक्नोलॉजी आधारित क्राइम नेटवर्क की पहचान कर रही है और उन पर तेजी से कार्रवाई कर रही है। इस ऑपरेशन से बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर-आधारित फाइनेंशियल क्राइम नेटवर्क को काफी नुकसान पहुंचा है और उन्हें खत्म किया गया है।