क्या चंडीगढ़ की फर्नीचर मार्केट पर चला बुलडोजर?

सारांश
Key Takeaways
- चंडीगढ़ की फर्नीचर मार्केट पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई।
- 116 दुकानों पर बुलडोजर चलाया गया।
- दुकानदारों ने 1986 से इस क्षेत्र में कारोबार किया।
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर।
- दुकानदारों की वैकल्पिक स्थान की मांग।
चंडीगढ़, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। चंडीगढ़ की सबसे बड़ी फर्नीचर मार्केट पर रविवार को एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई। प्रशासन ने वर्षों से जमी फर्नीचर की करीब 116 दुकानों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें जमींदोज कर दिया। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई और पूरे क्षेत्र की सड़कों को अस्थायी रूप से बंद कर ट्रैफिक डायवर्सन किया गया।
प्रशासन ने इस कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट के 2020 के 'इंदौर डेवलपमेंट अथॉरिटी बनाम मनोहरलाल' फैसले के तहत अंजाम दिया। इस फैसले में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि सरकारी भूमि पर अवैध रूप से व्यापार करने वालों को अतिक्रमणकारी माना जाएगा और ऐसे मामलों में उन्हें भूमि आवंटन में कोई प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।
प्रशासन के अनुसार, फर्नीचर मार्केट के दुकानदारों ने करीब 15 एकड़ भूमि पर कब्जा कर रखा था, जिसे वर्ष 2002 में ही अधिग्रहित कर लिया गया था। 227.22 एकड़ भूमि जिसमें कजहेड़ी, बड़हेड़ी और पलसौरा गांव की भूमि शामिल है, को सेक्टर-53, 54 और 55 के विकास के लिए अधिग्रहित किया गया था। मुआवजा और बढ़ा हुआ मुआवजा भी भूमि मालिकों को पहले ही दिया जा चुका है।
प्रशासन की इस कार्रवाई से प्रभावित दुकानदारों का कहना है कि हम 1986 से इस स्थान पर व्यवसाय कर रहे हैं और इसी भूमि पर अपनी आजीविका का निर्माण किया है। हम अतिक्रमणकारी नहीं, मेहनतकश लोग हैं। यदि हटाना ही था, तो हमें वैकल्पिक स्थान दिया जाना चाहिए था। दुकानदारों ने प्रशासन से भूमि आवंटन में प्राथमिकता देने की मांग की थी, जिसे एस्टेट ऑफिसर-कम-डीसी ने 9 जनवरी 2025 को खारिज कर दिया था।
इस कार्रवाई से पहले, प्रशासन ने 22 जून 2024 को सभी दुकानदारों को नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें एक सप्ताह के भीतर दुकानें हटाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, जब मार्केट खाली नहीं हुई, तो रविवार को यह सख्त कार्रवाई की गई।