क्या चिराग पासवान ने विपक्ष के मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों को खारिज किया?

सारांश
Key Takeaways
- चिराग पासवान ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया।
- मतदाता सूची की प्रक्रिया पारदर्शी है।
- बिहार में कानून-व्यवस्था पर चिंता जताई।
- सीएए को लेकर विपक्ष का भ्रम फैलाने का आरोप।
- बीएलओ के साथ मिलकर काम करने का दावा।
पटना, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने पटना में विपक्ष द्वारा लगाए गए मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों को खारिज करते हुए इसे भ्रम फैलाने की कोशिश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। उन्होंने पटना के पारस हॉस्पिटल में हुई हत्या और एडीजी के बयान को चिंताजनक बताया।
चिराग पासवान ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग हार चुके हैं और चुनाव आयोग पर मतदाता हेराफेरी का आरोप लगाकर और झूठ बोलकर लोगों को डराने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने बिहार में कानून-व्यवस्था पर चिंता जताते हुए हाल की घटनाओं, जैसे कि पटना के पारस हॉस्पिटल में हुई हत्या और एडीजी के बयान को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह राज्य सरकार का मामला है, लेकिन ऐसी घटनाएं गंभीर हैं और इन पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
चिराग ने लोकसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि विपक्ष ने संविधान और सीएए को लेकर भी भ्रम फैलाया था। उन्होंने कहा, "सीएए नागरिकता देने वाला कानून है, लेकिन विपक्ष ने इसे नागरिकता छीनने वाला कानून बना दिया।"
उन्होंने आगे कहा कि मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पहले भी चार बार हो चुकी है। इस बार केवल तकनीकी बदलाव हुआ है, जिससे लोग ऑनलाइन फॉर्म जमा कर सकते हैं।
चिराग ने यह भी बताया कि उनकी पार्टी गांव-देहात और गरीबों के साथ जुड़ी है और बीएलओ के साथ मिलकर कार्य कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर लालू यादव की ओर से दिए गए बयान पर चिराग ने पलटवार करते हुए कहा, "पीएम बिहार को लाखों करोड़ की सौगात दे चुके हैं, जबकि यूपीए सरकार ने बिहार को कुछ नहीं दिया। केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार एकजुट होकर बिहार के विकास के लिए काम कर रही है।"
कांग्रेस के रोजगार मेले पर चिराग ने तंज कसते हुए कहा कि यह एक अच्छा कदम है। साथ ही, लालू यादव से जुड़े लैंड फॉर जॉब मामले का उल्लेख किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने स्टे देने से इनकार किया है। चिराग ने कहा कि उनकी पार्टी अन्याय के खिलाफ हमेशा आवाज उठाएगी, चाहे वह उनकी अपनी सरकार में ही क्यों न हो।