क्या महाराष्ट्र के सीएम फडणवीस ने कबूतरखाना विवाद पर कुछ कहा?

सारांश
Key Takeaways
- बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी के प्रतिबंध को बरकरार रखा।
- मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य और आस्था के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता बताई।
- यह विवाद समाज की परंपराओं से जुड़ा है।
- स्वतंत्रता दिवस पर मांस की बिक्री पर कोई नया आदेश नहीं है।
मुंबई, १३ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा कबूतरों को दाना खिलाने पर लगाए गए प्रतिबंध को बनाए रखने का निर्णय लिया। कोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाते हुए कहा कि वह मनमाने तरीके से निर्णय नहीं बदल सकती। इस संदर्भ में, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कबूतरखाना विवाद और स्वतंत्रता दिवस पर मांस बिक्री पर प्रतिबंध को लेकर अपने विचार साझा किए।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "हमें दो महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए। पहली यह कि लोगों का स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है और उसकी सुरक्षा आवश्यक है। दूसरी बात यह है कि यह मामला आस्था से जुड़ा हुआ है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।"
उन्होंने कहा कि कबूतरों को दाना डालना हमारी संस्कृति का हिस्सा है, लेकिन यह भी सुनिश्चित होना चाहिए कि इससे लोगों की सेहत पर बुरा असर न पड़े। उन्होंने आगे कहा, "यह विवाद नहीं है, बल्कि यह समाज और परंपरा से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हमें दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए एक मिलनसार समाधान खोजना चाहिए।"
स्वतंत्रता दिवस पर मांस की बिक्री पर पाबंदी की खबरों पर भी फडणवीस ने स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा, "मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारी सरकार ने ऐसा कोई नया निर्णय नहीं लिया है। यह नियम १९८८ से लागू है और कई महानगरपालिकाओं में पहले से ही इस नियम का पालन किया जा रहा है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इस नियम के बारे में पहले पता नहीं था, लेकिन मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली।
उन्होंने कहा, "जब मैंने महानगरपालिका के अधिकारियों से पूछा कि आपने ऐसा निर्णय क्यों लिया, तो उन्होंने मुझे १९८८ का सरकारी आदेश (जीआर) दिखाया।"
फडणवीस ने यह भी बताया कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब भी ऐसा ही आदेश दिया गया था। हमारी सरकार का इस बात में कोई व्यक्तिगत रुचि नहीं है कि कौन क्या खा रहा है।