क्या सीएम मान ने डीआईजी भुल्लर को निलंबित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति को दोहराया?

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क्या सीएम मान ने डीआईजी भुल्लर को निलंबित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति को दोहराया?

सारांश

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने डीआईजी भुल्लर को निलंबित कर अपनी सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति को एक बार फिर से स्पष्ट किया है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके सख्त रुख को दर्शाती है। जानिए इस निर्णय के पीछे की वजहें और पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता।

Key Takeaways

  • भ्रष्टाचार के प्रति जीरो-टॉलरेंस नीति का महत्व।
  • डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस का निलंबन।
  • पंजाब सरकार की ईमानदारी की प्रतिबद्धता।
  • पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा।
  • जनता का विश्वास मजबूत करने के लिए कदम।

चंडीगढ़, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने भ्रष्टाचार के प्रति अपनी सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए आईपीएस अधिकारी हरचरण सिंह भुल्लर को निलंबित कर दिया है, जिन पर हाल ही में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।

सीएम मान ने एक बयान में कहा कि भ्रष्टाचार-मुक्त शासन राज्य सरकार के नैतिक मूल्यों की नींव है, जो पिछले चार वर्षों में सरकार की गतिविधियों से स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शे बिना जीरो-टॉलरेंस नीति को बनाए रखा है।

भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट किया कि इसी नीति के तहत हाल ही में एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किए गए आईपीएस अधिकारी को निलंबित किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई जनसेवा में पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए पंजाब सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट गतिविधियों से जनता का विश्वास कमजोर होता है और देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है, इसलिए सरकार ने इस खतरे को खत्म करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

सीएम भगवंत सिंह मान ने घोषणा की कि डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस को 16 अक्टूबर से निलंबित माना जाएगा। उन्होंने दोहराया कि कोई भी अधिकारी या राजनेता, चाहे उसका पद या प्रभाव कुछ भी हो, यदि समाज-विरोधी इस गंभीर अपराध में लिप्त पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आज की यह कार्रवाई एक बार फिर यह स्पष्ट संदेश देती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में किसी भी दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भ्रष्ट गतिविधियों में किसी भी प्रकार की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और ऐसे कार्यों में शामिल व्यक्तियों के प्रति कोई नरमी नहीं दिखाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि साल 2022 में पदभार संभालने के बाद से उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर मुहिम चलाई है, जिससे पंजाब में स्वच्छ और पारदर्शी शासन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि होती है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पंजाब सरकार का यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ उसकी दृढ़ता को दर्शाता है। जीरो-टॉलरेंस नीति न केवल प्रशासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देती है, बल्कि जनता का विश्वास भी मजबूत करती है। ऐसे प्रयासों से ही हम एक स्वस्थ और प्रगतिशील समाज की ओर बढ़ सकते हैं।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

डीआईजी भुल्लर को क्यों निलंबित किया गया?
डीआईजी भुल्लर को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार होने के बाद निलंबित किया गया है।
सीएम मान की जीरो-टॉलरेंस नीति का क्या अर्थ है?
सीएम मान की जीरो-टॉलरेंस नीति का अर्थ है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
पंजाब सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ क्या कदम उठा रही है?
पंजाब सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर मुहिम चलाई है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की है।