क्या नगर विकास कार्यों के शिलापट्ट पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के नाम अंकित होंगे? : सीएम योगी

सारांश
Key Takeaways
- स्थानीय जनप्रतिनिधियों के नाम शिलापट्ट पर अंकित होंगे।
- कानपुर मंडल में 1,362 विकास कार्य प्रस्तावित हैं।
- इन कार्यों की अनुमानित लागत 10,914 करोड़ रुपये है।
- मुख्यमंत्री ने परियोजनाओं की प्राथमिकता तय करने का निर्देश दिया।
- जनता और शासन के बीच की कड़ी को मजबूत किया जाएगा।
लखनऊ, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर कानपुर मंडल के विधायकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में विकास परियोजनाओं की गहन समीक्षा की गई और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से जनता की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं पर चर्चा हुई। यह बैठक लोकतंत्र को और अधिक मजबूत बनाने और जनता के साथ सीधे जुड़ने का एक महत्वपूर्ण कदम था।
इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर विकास कार्यों के शिलापट्ट पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के नाम अंकित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी ने कानपुर मंडल के छह जिलों (कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा और औरैया) के जनप्रतिनिधियों से संवाद करते हुए उनकी समस्याओं, विकास कार्यों की प्रगति और प्रशासनिक सहयोग पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के सतत और संतुलित विकास में कानपुर मंडल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मंडल राज्य की औद्योगिक और शैक्षिक रीढ़ के साथ-साथ सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक चेतना का भी केंद्र है। बैठक में लोक निर्माण विभाग द्वारा मंडल के छह जिलों में जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित कुल 1,362 निर्माण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई, जिनकी अनुमानित लागत 10,914 करोड़ रुपए आंकी गई है।
इन कार्यों में सड़कों, पुलों, फ्लाईओवरों, बाईपासों, कनेक्टिविटी, धार्मिक स्थलों के विकास, सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स से जुड़े कई महत्वपूर्ण विकास कार्य शामिल हैं। सबसे अधिक योजनाएं कानपुर नगर में हैं, जहां 5,006 करोड़ रुपये की लागत से 426 परियोजनाएं शुरू होंगी। फर्रुखाबाद में 2,476 करोड़ रुपये से 308 कार्य, कानपुर देहात में 1,214 करोड़ रुपये से 336 कार्य, कन्नौज में 1,076 करोड़ रुपये से 98 कार्य, इटावा में 620 करोड़ रुपये से 128 कार्य और औरैया में 524 करोड़ रुपये से 66 विकास कार्य प्रस्तावित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सलाह लेकर प्रस्तावित कार्यों की प्राथमिकता तय करें और समय पर कार्य शुरू करें। उन्होंने इन परियोजनाओं को केवल सरकारी खर्च नहीं, बल्कि ‘जनता के विश्वास की पूंजी’ बताया। अधिकारियों को उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की प्राथमिकता वाली योजनाओं को शीघ्र मंजूरी दें, पारदर्शी तरीके से लागू करें और निरंतर निगरानी के साथ समय पर पूरा करें।
सीएम योगी ने नगर विकास विभाग को निर्देश दिया कि नगर विकास विभाग द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों से संबंधित शिलापट्ट पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के नाम अंकित किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता और शासन के बीच की सबसे विश्वसनीय कड़ी होते हैं। उनके विचार और सुझाव केवल संवाद का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे जन आकांक्षाओं का वास्तविक स्वरूप होते हैं, जिन्हें योजनाओं की संरचना और क्रियान्वयन में शामिल किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा कि जनप्रतिनिधियों के अनुभव और सुझावों को केवल कागजों तक सीमित न रखें, बल्कि उन्हें नीति बनाने का आधार बनाएं। उन्होंने कानपुर मंडल को ‘विकास का अग्रदूत’ बताते हुए भरोसा जताया कि यह मंडल आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश और देश के लिए प्रेरणा का मॉडल बनेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मंडल की औद्योगिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक संपदा को आधुनिक विकास की दिशा में ले जाने के लिए पूरी तरह समर्पित है।