क्या कांग्रेस ने बिहार में सहयोगियों को समाप्त कर दिया है? चुनावी रुझान पर शहजाद पूनावाला का बयान

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क्या कांग्रेस ने बिहार में सहयोगियों को समाप्त कर दिया है? चुनावी रुझान पर शहजाद पूनावाला का बयान

सारांश

क्या बिहार के चुनावी रुझानों में कांग्रेस ने सहयोगी दलों को खत्म कर दिया? भाजपा नेता शहजाद पूनावाला के बयान से यह सवाल उठता है। जानें पूरी कहानी और इसके पीछे का सच।

Key Takeaways

  • कांग्रेस की स्थिति पर सवाल उठते हैं।
  • भाजपा की डबल इंजन सरकार की वापसी।
  • राजनीतिक परिदृश्य में एनडीए की मजबूत स्थिति।
  • कांग्रेस को आत्ममंथन की आवश्यकता।
  • सहयोगियों के वोट बैंक पर निर्भरता का खतरा।

नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के प्रारंभिक रुझानों में महागठबंधन के प्रदर्शन पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी अपने सहयोगी दलों को भस्म करने का कार्य किया है।

बिहार चुनाव के 243 सीटों पर आए रुझानों में एनडीए की जोरदार वापसी हुई है। भारतीय चुनाव आयोग द्वारा घोषित रुझानों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। बिहार में डबल इंजन की सरकार की वापसी और कांग्रेस के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि बिहार की जनता का धन्यवाद, जिन्होंने डबल इंजन की सरकार पर भरोसा जताया। वहीं, कांग्रेस पार्टी को अब आत्ममंथन करने की आवश्यकता है, क्योंकि कांग्रेस आज ऐसी पार्टी बन गई है, जो दूसरी पार्टी को छूती है तो वह भस्म हो जाती है।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए की सरकार की वापसी, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एक निर्णायक सत्ता-समर्थक रुझान को दर्शाता है, जिसे हम 2014 से लगातार देख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक तीन बार केंद्र में अपनी सरकार बना चुके हैं। राजनीतिक परिदृश्य में प्रवेश करने के बाद, उन्होंने एनडीए को गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, असम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सरकार बनाने में सक्षम बनाया है।

कांग्रेस पार्टी पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि आज कांग्रेस एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। जहां भी कांग्रेस जाती है, वहां अपने सहयोगी को हराती है। राहुल गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एसआईआर का मुद्दा उठाया, लेकिन तेजस्वी यादव ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। राहुल गांधी ने वोट चोरी का मुद्दा उठाया, लेकिन राजद ने उस मुद्दे को नहीं उठाया।

भाजपा नेता ने कहा कि तेजस्वी यादव खुद को कई मंचों पर सीएम फेस प्रोजेक्ट कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें सीएम फेस बनाने में देरी की। कांग्रेस पार्टी की स्थिति यह है कि वह अपने सहयोगी के वोट बैंक के आधार पर खुद को जीवित रखना चाहती है। इस प्रक्रिया में वह अपने सहयोगियों को डुबो देती है।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम राजनीतिक दलों की प्रतिस्पर्धा को समझें। बिहार में एनडीए की वापसी और कांग्रेस के प्रदर्शन पर सवाल उठना एक सामान्य प्रक्रिया है। हमें इन घटनाओं के पीछे की सच्चाई को जानने की जरूरत है।
NationPress
14/11/2025

Frequently Asked Questions

कांग्रेस ने बिहार में क्या किया?
कांग्रेस ने अपने सहयोगियों को कमजोर किया और इसके परिणामस्वरूप, महागठबंधन का प्रदर्शन प्रभावित हुआ।
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बिहार में सहयोगियों को भस्म कर दिया है और यह परजीवी पार्टी बन चुकी है।
बिहार में एनडीए की वापसी का क्या मतलब है?
एनडीए की वापसी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लोगों के समर्थन को दर्शाती है, जो पिछले चुनावों में भी देखा गया।