क्या कांग्रेस ने बिहार में 'मतदाता अधिकार यात्रा' के लिए जिलास्तर पर कॉर्डिनेटर नियुक्त किए?

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता अधिकार यात्रा का उद्देश्य लोकतंत्र की सुरक्षा है।
- कांग्रेस ने 25 जिलों के लिए कॉर्डिनेटर नियुक्त किए हैं।
- राहुल गांधी 17 अगस्त को यात्रा का नेतृत्व करेंगे।
- यह यात्रा जनता के वोट की ताकत को उजागर करेगी।
- कांग्रेस की रणनीति संविधान की गरिमा को बनाए रखना है।
नई दिल्ली/पटना, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस पार्टी ने बिहार में 'मतदाता अधिकार यात्रा' के लिए जिलास्तर पर कॉर्डिनेटर नियुक्त किए हैं। मंगलवार को कांग्रेस ने 25 जिलों के लिए कॉर्डिनेटरों की एक सूची जारी की। 17 अगस्त से कांग्रेस पार्टी की बिहार में 'मतदाता अधिकार यात्रा' शुरू होने जा रही है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इस यात्रा का नेतृत्व करेंगे।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को कॉर्डिनेटरों की सूची को जारी करते हुए बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष (मल्लिकार्जुन खड़गे) ने 'बिहार मतदाता अधिकार यात्रा' के लिए जिला/यात्रा कॉर्डिनेटर की नियुक्ति के प्रस्ताव को तुरंत प्रभाव से मंजूरी दे दी है।
कांग्रेस ने रोहतास जिले में अजय राय उर्फ रामकिशन ओझा, औरंगाबाद में धीरज गुर्जर, गया में कमलेश्वर पटेल, नवादा और नालंदा में विधायक दिनेश गुर्जर, शेखपुरा में संजय कपूर, जमुई में कुलदीप इंदौरा, लखीसराय में सत्य नारायण पटेल, मुंगेर में नीलांशु चतुर्वेदी, भागलपुर में सांसद अशोक सिंह, कटिहार में भजन लाल जाटव, पूर्णिया में रामपाल जाट, अररिया में नदीम जावेद, सुपौल में वीरेंद्र राठौर, मधुबनी में विधायक शीशपाल सिंह, दरभंगा में अनिल चौधरी, मुजफ्फरपुर में कुलदीप वत्स, सीतामढ़ी में असलम शेख, मोतिहारी में काजी निजामुद्दीन, वेस्ट चंपारण में सांसद तनुज पूनिया, गोपालगंज में प्रियाव्रत सिंह, सीवान में राजेश ठाकुर, छपरा में सचिन यादव, आरा में विधायक कुमार जय मंगल और पटना में अविनाश पांडेय, सचेत बंटी और चेतन चौहान को नियुक्त किया है।
कांग्रेस की बिहार इकाई के अध्यक्ष राजेश राम ने बताया कि 17 अगस्त को रोहतास से राहुल गांधी के नेतृत्व में 'मतदाता अधिकार यात्रा' की शुरुआत होगी। सोमवार को यात्रा की तैयारियों को लेकर राजेश राम ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण चर्चा की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "यह यात्रा लोकतंत्र की रक्षा, जनता के वोट की ताक़त और संविधान की गरिमा को बचाने के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगी।"