क्या कांग्रेस सहयोगी दलों का बैसाखी की तरह इस्तेमाल कर रही है? : संजय निरुपम

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस पर आरोप कि वह सहयोगी दलों का बैसाखी की तरह इस्तेमाल कर रही है।
- बीजेपी का दावा कि बिहार की जनता ने पीएम मोदी का समर्थन किया है।
- महागठबंधन में तनाव की स्थिति बढ़ रही है।
- प्रधानमंत्री मोदी की 25 साल की सेवा की सराहना।
मुंबई/नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस दौरान महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे पर शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने कांग्रेस पर कड़ा आरोप लगाया है।
संजय निरुपम ने कहा कि कांग्रेस केवल अपने भविष्य के बारे में चिंतित है और सहयोगी दलों का उपयोग बैसाखी की तरह करती है। कांग्रेस विभिन्न राज्यों में अपने सहयोगियों को कमजोर करने की कोशिश में लगी रहती है। महागठबंधन में तनाव की स्थिति स्पष्ट रूप से देखने को मिल रही है, लेकिन बिहार की जनता ने पीएम मोदी का साथ देने का निर्णय लिया है।
बिहार चुनाव के संदर्भ में भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने जीत का दावा किया है और कहा कि बिहार की जनता ने पीएम मोदी का समर्थन करने का फैसला किया है। एनडीए बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और हमारी कोशिश है कि प्रदेश में जीत का परचम लहराया जाए।
प्रधानमंत्री मोदी के शासन के 25वें वर्ष पर कई दलों के नेताओं ने उनकी तारीफ की। संजय निरुपम ने कहा कि यह उपलब्धि वाकई सराहनीय है। प्रधानमंत्री पिछले 25 वर्षों से लगातार जनता की सेवा कर रहे हैं। उनका नेतृत्व देश के लिए प्रेरणादायक है।
गुलाम अली खटाना ने कहा, "केवल प्रधानमंत्री मोदी ही देश को इतनी दूर तक ले जा सकते थे और विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ा सकते थे।"
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) नेता मलूक नागर ने भी पीएम मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकालों में पहले मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करके इतिहास रच दिया है। उनके नेतृत्व में देश विकास के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।"
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता तुहिन सिन्हा ने कहा कि मैंने तेज प्रताप यादव का एक वीडियो देखा, जिसमें वह कह रहे हैं कि राहुल गांधी अपने परिवार से मिलने कोलंबिया गए हैं। तेज प्रताप यादव निश्चित रूप से राहुल गांधी के बारे में हमसे ज्यादा जानते हैं। बिहार में चुनाव का ऐलान हो गया है, लेकिन राहुल गांधी गायब हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या उनकी इस हरकत से बिहार की जनता उन्हें गंभीरता से लेगी।