क्या कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने नवजोत कौर सिद्धू को भेजा लीगल नोटिस?
सारांश
Key Takeaways
- सुखजिंदर सिंह रंधावा की राजनीतिक छवि पर आरोपों का असर हो सकता है।
- नवजोत कौर सिद्धू के बयानों ने राजनीतिक तनाव को बढ़ाया है।
- कानूनी नोटिस में माफी की मांग की गई है।
- सात दिनों में माफी नहीं मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
चंडीगढ़, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के प्रमुख नेता और गुरदासपुर से सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पूर्व मंत्री और विधायक डॉ. नवजोत कौर सिद्धू को कानूनी नोटिस जारी किया है। यह नोटिस सिद्धू द्वारा 7 और 8 दिसंबर को दिए गए उन बयानों के विरुद्ध है, जिनमें रंधावा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गए थे।
नोटिस के अनुसार, सिद्धू ने मीडिया में यह दावा किया कि राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी रहते हुए रंधावा ने पार्टी टिकटों की वितरण प्रक्रिया में पैसों का लेन-देन किया और भ्रष्टाचार में संलिप्त रहे। रंधावा की तरफ से कहा गया है कि ये आरोप पूरी तरह से झूठे, निराधार और दुर्भावना से प्रेरित हैं।
नोटिस में कहा गया है कि सुखजिंदर सिंह रंधावा का एक लंबा राजनीतिक अनुभव है। वे पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री, पूर्व विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं।
उनका कहना है कि सिद्धू के बयानों ने उनकी सार्वजनिक छवि को नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने मानसिक पीड़ा और गलत संदेश फैलने की बात कही है। राजनीतिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाई गई है और यह सब जानबूझकर किया गया मानहानि का प्रयास है।
कानूनी नोटिस में नवजोत कौर सिद्धू से सात दिनों के भीतर सार्वजनिक माफी जारी करने की मांग की गई है, जिसमें उन्हें उन्हीं मीडिया प्लेटफार्म्स पर माफी प्रकाशित करनी होगी जहाँ आरोप लगाये गए थे। इसके अलावा, भविष्य में किसी भी प्रकार के आरोप दोबारा न दोहराने की भी मांग की गई है।
नोटिस के अनुसार, यदि सात दिन में माफी नहीं दी गई, तो रंधावा कानूनी प्रावधानों के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने के लिए बाध्य होंगे। नोटिस में यह भी कहा गया है कि सिद्धू सभी कानूनी परिणामों, हर्जाने और खर्चों के लिए जिम्मेदार होंगी।
दोनों नेताओं (रंधावा और सिद्धू) के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण रहे हैं। अब इस कानूनी नोटिस के बाद तनाव और बढ़ने की संभावना है।