क्या एसआईआर एक महत्वपूर्ण मुद्दा है? कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का बयान
सारांश
Key Takeaways
- पवन खेड़ा ने एसआईआर को महत्वपूर्ण बताया।
- कांग्रेस ने पहले ही इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं।
- पश्चिम बंगाल के चुनावों पर पार्टी की रणनीति अलग होगी।
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद का शीतकालीन सत्र इस समय चल रहा है। इस दौरान मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मंगलवार को कहा कि एसआईआर एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिस पर कांग्रेस पार्टी ने काफी पहले से सवाल उठाए हैं।
पवन खेड़ा ने राष्ट्र प्रेस से चर्चा करते हुए कहा, "हमने बिहार चुनाव से काफी पहले एसआईआर पर सवाल उठाए थे। कर्नाटक में भी हमने प्रमाणों के साथ कई बातें साझा की हैं। महाराष्ट्र और हरियाणा में भी सबूत पेश किए गए हैं, लेकिन अब तक चुनाव आयोग से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। एसआईआर एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। आज बंगाल में भाजपा को भी इस मुद्दे की गंभीरता का अहसास हो रहा है। हम ज्ञानेश कुमार गुप्ता की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।"
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के संदर्भ में कांग्रेस की रणनीति पर पवन खेड़ा ने कहा, "पश्चिम बंगाल का चुनाव आने दीजिए, तभी इस पर चर्चा की जाएगी। फिलहाल पाँच राज्यों में चुनाव होने हैं। हर राज्य की अपनी-अपनी रणनीति है, क्योंकि हर राज्य की स्थिति अलग है।"
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले हुई बैठक में कांग्रेस नेता शशि थरूर की अनुपस्थिति पर पवन खेड़ा ने कहा, "क्या शशि थरूर बैठक में आए या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई ख़बर बनती है।"
कर्नाटका में कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में हो रही खींचतान पर पवन खेड़ा ने कहा, "कर्नाटका में कई वर्षों से एकजुटता के साथ कार्य हो रहा है। दबाव की कोई आवश्यकता नहीं है। हम सब मिलकर काम कर रहे हैं। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार से मुलाकात पर कोई बड़ी बात नहीं है।"
पवन खेड़ा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस सांसद मोहम्मद रमजान के चुनाव पर हाल के बयान पर कहा, "यह उनका अपना विचार होगा। बंगाल में भाजपा भी सवाल उठा रही है; अब इसका जवाब वो देंगे या कोई और।"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के पीएम मोदी पर दिए हालिया बयान को लेकर पवन खेड़ा ने कहा, "मोहन भागवत और पीएम मोदी दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है। दोनों की उम्र 75 वर्ष से ऊपर हो गई है और वे सोच रहे हैं कि कहीं दूसरा उनकी रिटायरमेंट की घोषणा न कर दे। ऐसे में वे एक-दूसरे को खुश रखना चाहते हैं। देश को दोनों की बातों से कोई मतलब नहीं है।"