क्या दिल्ली ब्लास्ट केस में नूंह से दो लोगों की गिरफ्तारी से कड़ी जुड़ रही है?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली ब्लास्ट केस में नूंह से दो गिरफ्तारियां हुई हैं।
- अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े लोग संदिग्ध हैं।
- हवाला कारोबार की जांच भी की जा रही है।
- एजेंसियों का कहना है कि और गिरफ्तारियां संभव हैं।
नूंह, १६ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली ब्लास्ट मामले में केंद्रीय जांच एजेंसियों ने हरियाणा के नूंह में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने रविवार को नूंह की हयात कॉलोनी से रिजवान और शोएब को गिरफ्तार किया। शोएब अल फलाह यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रीशियन के रूप में कार्यरत था और दोनों पर आतंकियों को फंडिंग देने का गंभीर आरोप है।
गिरफ्तारी को ब्लास्ट में मारे गए आतंकवादी डॉ. उमर, उसके सहयोगी डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन के नेटवर्क को उजागर करने की एक महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है। जांच में पता चला है कि अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े और इन तीनों आतंकियों के संपर्क में आने वाले करीब २०० लोग एजेंसियों की रडार पर हैं। इनमें से कई से पूछताछ जारी है, जबकि कई पर गुप्त निगरानी रखी जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, यह नेटवर्क नूंह, फरीदाबाद और दिल्ली तक फैला हुआ था। नूंह की हिदायत कॉलोनी में उस मकान की भी पुलिस ने घेराबंदी कर ली है, जहां आतंकवादी उमर लगभग १० दिनों तक किराए पर रुका था। यह मकान अफसाना नाम की महिला का बताया जा रहा है। जांच में बड़ा खुलासा यह भी हुआ है कि शोएब, जो अब गिरफ्तार है, उसी अफसाना का जीजा है और उसी ने उमर को किराए पर यह कमरा दिलवाया था। इसके अलावा, रिजवान महिला का भाई बताया जा रहा है। हवाला कारोबार से इनको जोड़कर देखा जा रहा है। मकान के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है। तलाशी अभियान में डिजिटल सबूतों को कब्जे में लिया जा रहा है। माना जा रहा है कि उमर ने इसी मकान में बैठकर दिल्ली ब्लास्ट ऑपरेशन की योजना बनाई थी।
एजेंसियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क में शामिल और लोग भी गिरफ्तार हो सकते हैं।