क्या दिल्ली ब्लास्ट मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने आतंकी जासिर बिलाल को 10 दिन की एनआईए कस्टडी में भेजा?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हुई।
- आतंकी जासिर बिलाल को 10 दिन की एनआईए कस्टडी में भेजा गया।
- जांच में तकनीकी सहायता देने वाले सहयोगियों की गिरफ्तारी हुई।
- एनआईए ने कई राज्यों में तलाशी ली।
- इस मामले में आमिर राशिद अली को भी गिरफ्तार किया गया।
नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली ब्लास्ट मामले की गहन जांच चल रही है। इस बीच, पटियाला हाउस कोर्ट ने आतंकवादी जासिर बिलाल उर्फ दानिश को 10 दिन की एनआईए कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है।
दिल्ली ब्लास्ट में कम से कम 13 लोगों की जान गई थी। इस मामले में हमलावर डॉ. उमर मुहम्मद के साथी जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। इससे पहले, सोमवार को एनआईए ने उसके एक और सहयोगी को गिरफ्तार किया था, जिस पर आरोप है कि उसने ब्लास्ट में शामिल आतंकवादियों को तकनीकी सहायता प्रदान की थी।
एनआईए ने कश्मीर के निवासी वानी को भी श्रीनगर से गिरफ्तार किया। जांच में यह बात सामने आई है कि वानी ने कथित तौर पर आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए तकनीकी सहयोग दिया था। वह जानलेवा कार बम ब्लास्ट से पहले ड्रोन को मॉडिफाई करने और रॉकेट बनाने की कोशिशों में शामिल था।
आरोपी, जम्मू और कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड का निवासी है। वह इस हमले में एक सक्रिय सह-साजिशकर्ता के रूप में कार्य कर रहा था। उसने आतंकवादी उमर मुहम्मद नबी के साथ मिलकर हमले की योजना बनाई थी।
एनआईए धमाके के पीछे की साजिश का पता लगाने के लिए कई दृष्टिकोण से जांच कर रही है। एंटी-टेरर एजेंसी की विभिन्न टीमें सुरागों का पीछा कर रही हैं और हमले में शामिल सभी व्यक्तियों की पहचान करने के लिए कई राज्यों में तलाशी ले रही हैं।
दिल्ली की कोर्ट ने मुहम्मद के साथ साजिश रचने के आरोपी कश्मीरी निवासी आमिर राशिद अली को भी 10 दिन की एनआईए कस्टडी में भेजा है। जांच एजेंसी ने रविवार को आरोपी को गिरफ्तार किया था। उसके नाम पर ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई कार रजिस्टर्ड थी।