क्या दिल्ली सीएम ऑफिस के फर्जी लेटरहेड से जाली पत्र बनाए गए?

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क्या दिल्ली सीएम ऑफिस के फर्जी लेटरहेड से जाली पत्र बनाए गए?

सारांश

दिल्ली पुलिस ने एक जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने मुख्यमंत्री कार्यालय के लेटरहेड का गलत इस्तेमाल कर लोगों को धोखा दिया। यह मामला समाज के कमजोर वर्ग के लिए गंभीर चिंता का विषय है। जानें कैसे यह जालसाज लोगों को मुफ्त इलाज का झांसा देकर ठगता था।

Key Takeaways

  • मुख्यमंत्री कार्यालय के लेटरहेड का गलत इस्तेमाल
  • जालसाज ने गरीब लोगों को निशाना बनाया
  • पुलिस ने कई फर्जी पत्र बरामद किए
  • अवैध अतिक्रमण और चोरी का मामला
  • सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता

नई दिल्ली, 2 नंवबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस ने एक जालसाज को गिरफ्तार किया है, जो मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक लेटर हेड का उपयोग करके फर्जी पत्र तैयार करता था। पुलिस ने मुख्यमंत्री कार्यालय के लेटर हेड पर बनाए गए कई फर्जी पत्र भी बरामद किए हैं।

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि यह आरोपी उन कमजोर लोगों को निशाना बनाता था, जो निजी अस्पताल में इलाज कराना चाहते थे, लेकिन इलाज का खर्च नहीं उठा सकते थे। वह ऐसे लोगों को निजी अस्पताल के नाम पर ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत मुफ्त इलाज के लिए पत्र देता था।

पुलिस के अनुसार, आरोपी खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय का अधिकारी भी बताता था और अस्पताल के अधिकारियों को फोन करने के लिए अपनी फर्जी पहचान का इस्तेमाल करता था। पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी अपनी मोटरसाइकिल पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर घूमता था। फिलहाल, पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।

इसी बीच, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नजफगढ़ में एक घोषित अपराधी को गिरफ्तार किया है। अपराधी की पहचान नजफगढ़ की मकसूदाबाद कॉलोनी के निवासी 35 वर्षीय विपिन के रूप में की गई। इसी साल 17 मार्च को द्वारका की कोर्ट ने उसे अपराधी घोषित किया था। हालांकि, वह लगातार पुलिस की गिरफ्त से दूर रहा।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि 31 अक्टूबर को क्राइम ब्रांच को उसकी लोकेशन की जानकारी मिली। सूचना पर कार्रवाई करते हुए टीम ने नजफगढ़ के पास एक जाल बिछाया और आरोपी को पकड़ लिया।

लगातार पूछताछ के दौरान आरोपी ने नजफगढ़ थाने में अवैध अतिक्रमण और चोरी के मामले में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया। 2014 में उसने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर नजफगढ़ स्थित एक प्लॉट पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया और उस प्लॉट से कुछ सामान भी चुरा लिया। इस मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद, आरोपी छिप गया और गिरफ्तारी से बचने के लिए बार-बार अपना ठिकाना बदलता रहा।

Point of View

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे समाज के कमजोर वर्ग को आसानी से धोखा दिया जा सकता है। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन हमें और अधिक जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि ऐसे जालसाजों के खिलाफ ठोस कदम उठाए जा सकें।
NationPress
02/11/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में जालसाजों द्वारा धोखाधड़ी के मामले कितने आम हैं?
दिल्ली में जालसाजों द्वारा धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं, विशेषकर उन लोगों को निशाना बनाकर जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
ईडब्ल्यूएस श्रेणी में मुफ्त इलाज कैसे मिलता है?
ईडब्ल्यूएस श्रेणी में मुफ्त इलाज पाने के लिए मरीजों को अस्पतालों में आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होता है।