क्या दिल्ली के कालकाजी में फायरिंग की घटना हुई थी?

सारांश
Key Takeaways
- घायलों ने पुलिस को जानकारी दी लेकिन बाद में बयान देने से मना कर दिया।
- चिकित्सकीय रिपोर्ट में गोली लगने का प्रमाण नहीं है।
- पुलिस घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।
- फायरिंग की घटना की पुष्टि नहीं हुई है।
- घायलों का बयान बाद में लिए जाने की संभावना है।
नई दिल्ली, १२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की राजधानी से एक अनोखी घटना का खुलासा हुआ है। दक्षिण पूर्वी दिल्ली के कालकाजी थाना क्षेत्र में दो युवकों ने गोली लगने की सूचना देकर रात के समय पुलिस को बुला लिया। दोनों युवकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में उन्होंने पुलिस को बयान देने से मना कर दिया।
घायलों की पहचान ओखला फेज-3 निवासी २० वर्षीय देव मलिक और तुगलकाबाद एक्सटेंशन निवासी २४ वर्षीय निर्भय भाटी के रूप में की गई। दोनों युवकों को रात में ही सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया गया। पुलिस ने मौके पर जाकर पीड़ितों से बयान लेने की कोशिश की, लेकिन दोनों ने अस्पताल में बयान देने से मना कर दिया।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि घायलों ने कहा, "वे अस्पताल से छुट्टी पाने के बाद थाने में बयान देंगे और घटनास्थल की पहचान भी उसी समय कराएंगे।"
पुलिस के अनुसार, रात करीब सवा ११ बजे पीसीआर कॉल आई, जिसमें कॉलर ने बताया कि उसे और उसके दोस्त को कालकाजी मेन मार्केट टी-पॉइंट के पास गोली लगी है। हालांकि, जब अस्पताल में चिकित्सकीय रिपोर्ट आई, तो उसमें चौंकाने वाली बातें सामने आईं।
चिकित्सकीय रिपोर्ट में दोनों घायलों के शरीर पर चोट और घाव के निशान मिले हैं, जबकि गोली लगने का कोई प्रमाण नहीं मिला।
दिल्ली पुलिस की प्रारंभिक जांच में घटनास्थल के आसपास फायरिंग की पुष्टि नहीं हुई है। मौके से कोई खाली कारतूस भी नहीं मिला है, जैसा कि पीसीआर कॉल में दावा किया गया था।
फिलहाल, घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और घायलों के बयान मिलने के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अब तक फायरिंग की घटना की पुष्टि नहीं हो पाई है। जैसे-जैसे जानकारी सामने आएगी, आगे की अपडेट साझा की जाएगी।