क्या दिल्ली में प्रदूषण और छठ को लेकर सियासत तेज हो गई है?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति गंभीर है।
- आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए हैं।
- छठ पूजा के लिए घाटों पर व्यवस्थाएं कमजोर हैं।
- प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
- सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीवाली के बाद राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक बनती जा रही है। आम आदमी पार्टी का दावा है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 1000 से 1500 के बीच पहुँच गया है। इस स्थिति में लोगों के लिए सांस लेना भी कठिन हो गया है।
इसी बीच प्रदूषण पर सियासत भी गरमा गई है। आम आदमी पार्टी के विधायक संजीद झा ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार पर तीखा वार किया है।
संजीद झा ने कहा, “दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारियों में विफल नहीं रही है, बल्कि केंद्र सरकार ने पिछले 12 वर्षों में प्रदूषण पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। जब हालात बिगड़ गए हैं, तो वे दिल्ली सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। मैं यह पूछना चाहता हूं कि केंद्र ने इतने सालों में प्रदूषण को समाप्त करने के लिए कौन-से ठोस कार्य किए? जनता को बताएं कि उन्होंने कौन-से कदम उठाए जिनसे दिल्ली की हवा में सुधार हो सके।”
उन्होंने पंजाब में पराली जलाने के मुद्दे पर भी भाजपा और विपक्ष पर कटाक्ष किया। संजीद झा ने कहा, “जब केंद्र में उनकी सरकार बन रही थी, तब वे दावा कर रहे थे कि पंजाब से आने वाले प्रदूषण को पूरी तरह खत्म कर देंगे। अब तो पंजाब में भी उनकी सहयोगी सरकार है, फिर प्रदूषण क्यों नहीं घट रहा? सभी दोष पंजाब पर थोपने से दिल्ली की हवा साफ नहीं हो जाएगी। सच यह है कि दिल्ली में जितना प्रदूषण है, उस पर कोई बात नहीं करना चाहता।”
छठ पर्व को लेकर संजीव झा ने कहा कि, “छठ पूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत बड़ा है। हमने अपने कार्यकाल में दिल्ली में मॉडल छठ घाट बनाए थे। अब वर्तमान सरकार उन्हीं घाटों का उपयोग कर रही है। नई पहल की कमी साफ दिख रही है। दिल्ली के लगभग 1000 से 1200 घाटों पर छठ पूजा हो रही है, जो आप सरकार की देन है। लेकिन इस बार घाटों पर व्यवस्थाएं कमजोर नजर आ रही हैं। भलस्वा घाट पर हजारों लोग पहुंचे, वहां तीन दिनों तक पानी भरा रहा, पर कोई अधिकारी नजर नहीं आया।”
विधायक झा ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर कहा कि दिल्ली की हवा अब ज़हर बन चुकी है। मोबाइलों में एक्यूआई 1000 से 1500 तक दिख रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिवाली की रात का डीपीसीसी और सीपीसीबी का प्रदूषण डेटा जानबूझकर छिपाया गया, जबकि सच्चाई को दबाने से वह बदल नहीं जाती।
झा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद पटाखे खुलेआम बिके और फोड़े गए। विधायक ने दिल्ली सरकार से अपील की कि वह प्रदूषण नियंत्रण के साथ-साथ छठ पूजा जैसे आयोजनों में बेहतर प्रबंध सुनिश्चित करें ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।