क्या दिल्ली की हवा में घुला है जहर? मॉर्निंग और इवनिंग वॉक से बचने की सलाह

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में दीपावली के दौरान वायु प्रदूषण बढ़ता है।
- लोगों को मॉर्निंग और इवनिंग वॉक से बचना चाहिए।
- स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने की संभावना है।
- घरेलू उपाय जैसे गरारा और स्टीम लेना फायदेमंद हो सकते हैं।
- तली हुई चीजों से दूर रहें और हरी सब्जियों का सेवन करें।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। सर गंगा राम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ परामर्शदाता प्रोफेसर डॉ. एम. वली ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हर साल दीपावली के समय वायु प्रदूषण में काफी वृद्धि होती है। उन्होंने लोगों को मॉर्निंग और इवनिंग वॉक से बचने की सख्त सलाह दी है।
डॉ. एम. वली ने कहा कि इस साल ग्रीन पटाखों को जलाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन फिर भी प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक रहा। उन्हें लगता है कि एक ऐसा विकल्प ढूंढना चाहिए, जिससे पटाखों से निकलने वाले धुएं की समस्या से बचा जा सके।
उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे दीपावली नजदीक आती है, सांस लेने में कठिनाई, गले में खराश, बुखार और जुकाम जैसी समस्याओं के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। पिछले कुछ दिनों में हर उम्र के लोग इस प्रकार की समस्याओं के साथ उनके पास आ रहे हैं।
कुछ का गला दर्द कर रहा है तो कुछ को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। चेस्ट पेन, आंखों से पानी आना आदि जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। विशेष रूप से, जो लोग पहले से ही डायबिटीज, हार्ट अटैक और सांस संबंधी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, उनमें ज्यादा समस्या देखी जा रही है।
डॉ. एम. वली ने सलाह दी है कि इस समय में लोग घर से बाहर निकलने से बचें, मास्क लगाएं और यदि बाहर जाना हो, तो मास्क का उपयोग अवश्य करें। स्टीम लें, गरारा करें, गर्म पानी पिएं, और हरी सब्जियां और फल आदि का सेवन करें। साथ ही तली हुई चीजें न खाएं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, दीपावली के दिन सुबह से ही एयर क्वालिटी इंडेक्स खराब श्रेणी में पहुँच गया था, जो कि 250 के पार था। दिन में यह कुछ कम हुआ, लेकिन शाम 5 बजे के बाद रात 12 बजे तक एयर क्वालिटी इंडेक्स में लगातार वृद्धि देखी गई। रात 12 बजे के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स 600-700 के पार पहुँच गया।
मंगलवार की सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स लगभग 400 के करीब दर्ज किया गया। इस प्रदूषण में पराली जलाने के बाद होने वाले प्रदूषण का योगदान 0.8 रहा और इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे तीन राज्यों से आने वाला प्रदूषण शामिल है।