क्या दिल्ली में पैसों के विवाद में युवक की हत्या हुई? 5 नाबालिग आरोपी पकड़े गए

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क्या दिल्ली में पैसों के विवाद में युवक की हत्या हुई? 5 नाबालिग आरोपी पकड़े गए

सारांश

दिल्ली में एक युवक की हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस ने मात्र 12 घंटे में इस केस को सुलझा लिया है। हत्या के पीछे पैसों के विवाद की कहानी है। जानिए पूरी घटना की जानकारी और गिरफ्तार आरोपियों के बारे में।

Key Takeaways

  • दिल्ली में युवक की हत्या
  • पैसों के विवाद के चलते हत्या
  • पुलिस ने 12 घंटे में सुलझाया मामला
  • पांच नाबालिग आरोपी गिरफ्तार
  • मामले में डिजिटल फुटप्रिंट्स का उपयोग

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के सब्जी मंडी रेलवे थाना क्षेत्र में एक ब्लाइंड मर्डर केस ने शुरुआत में सभी को चौंका दिया था, लेकिन अशोक विहार पुलिस की टीम ने इसे केवल 12 घंटे में सुलझा दिया। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और आगे की कार्रवाई जारी है।

मामला तब सामने आया जब 6 दिसंबर को 3:16 बजे पुलिस को एक पीसीआर कॉल मिली कि डब्ल्यूपीआईए की झुग्गियों के पास रेलवे ट्रैक पर एक लाश पड़ी है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और देखा कि एक युवक, जिसकी उम्र 25 से 30 साल थी, खून से सना पड़ा है। उसके चेहरे, गले और गर्दन पर कई धारदार हथियारों से वार किए गए थे। चोटें इतनी गंभीर थीं कि चेहरा पहचानने योग्य नहीं रह गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच सब्जी मंडी रेलवे पुलिस को सौंपी गई।

मामला बहुत संवेदनशील था, इसलिए एसीपी अशोक विहार आकाश रावत के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। जांच की जिम्मेदारी इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार को सौंपी गई, जिनके साथ एसआई नवीन, हेड कांस्टेबल करण पाल और अन्य कांस्टेबल्स की टीम ने लगातार काम किया।

सबसे बड़ी चुनौती थी लाश की पहचान करना। टीम ने लगातार प्रयासों के बाद यह पता लगाया कि मृतक का नाम मोनू उर्फ मनोज था, जो सीएसए कॉलोनी, डब्ल्यूपीआईए का निवासी था और अशोक विहार थाने का रजिस्टर्ड बैड कैरेक्टर था। उसके खिलाफ पहले से ही सात गंभीर मामले दर्ज थे।

पहचान के बाद जांच ने गति पकड़ी। टीम ने डिजिटल फुटप्रिंट्स की जांच की, कई सीसीटीवी फुटेज देखी और अलग-अलग स्थानों पर जाकर ग्राउंड वेरिफिकेशन किया। धीरे-धीरे संदिग्धों की मूवमेंट और पैटर्न सामने आने लगे। जब सुराग पक्के हुए तो टीम ने तुरंत छापे मारे। इन छापों में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपी नाबालिग हैं, जिनकी उम्र 15 से 18 साल के बीच है। पुलिस के अनुसार ये सभी हत्या में सीधे जुड़े हुए थे।

पूछताछ में पूरी कहानी स्पष्ट हो गई। पता चला कि मोनू इन पांचों नाबालिगों से चोरी और छोटे-मोटे अपराध करवाता था। बाद में पैसे के बंटवारे को लेकर झगड़ा होने लगा। मोनू अक्सर उन्हें धमकाता था और उनसे पैसे जबरन लेता था। यह विवाद इतना बढ़ गया कि बदला लेने के इरादे से इन पांचों लड़कों ने मोनू को रास्ते से हटाने की योजना बना ली। घटना की रात उन्होंने रेलवे ट्रैक पर मोनू को घेरकर चाकू और पेचकस से कई बार वार कर उसकी हत्या कर दी।

फिलहाल सभी आरोपी पकड़े जा चुके हैं और आगे की जांच जारी है।

Point of View

बल्कि यह समाज में व्याप्त अपराध और युवा पीढ़ी की मानसिकता की भी ओर इशारा करती है। हमें इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और यह समझना चाहिए कि ऐसे अपराधों के पीछे क्या कारण हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा और सामुदायिक सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा सवाल है।
NationPress
07/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में हुई इस हत्या का कारण क्या था?
इस हत्या का कारण पैसे के बंटवारे को लेकर झगड़ा था।
पुलिस ने हत्या के मामले में कितने आरोपियों को पकड़ा?
पुलिस ने इस मामले में पांच नाबालिग आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
क्या आरोपी नाबालिग हैं?
हाँ, सभी आरोपी नाबालिग हैं और उनकी उम्र 15 से 18 साल के बीच है।
मृतक का नाम क्या था?
मृतक का नाम मोनू उर्फ मनोज था।
पुलिस ने इस मामले को कैसे सुलझाया?
पुलिस ने डिजिटल फुटप्रिंट्स और सीसीटीवी फुटेज की मदद से इस मामले को मात्र 12 घंटे में सुलझाया।
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