क्या अपराध शाखा ने भगोड़े अपराधी नीरज को गिरफ्तार किया?

सारांश
Key Takeaways
- नीरज की गिरफ्तारी पुलिस की सख्त कार्यवाही का प्रतीक है।
- उन्नत तकनीक का उपयोग करके अपराधियों का पता लगाया जा सकता है।
- अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई आवश्यक है।
- सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना चाहिए।
- जमानत मिलने के बाद कोर्ट में उपस्थित न होने पर भगोड़ा घोषित किया जा सकता है।
नई दिल्ली, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अपराध शाखा ने एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन के माध्यम से भगोड़े अपराधी नीरज को सफलता पूर्वक गिरफ्तार किया है।
२६ वर्षीय नीरज चोरी और सेंधमारी के १२ मामलों में संलिप्त रहा है। उसे इंद्रपुरी थाना क्षेत्र में एक चोरी के मामले में १५ अप्रैल को फरार अपराधी घोषित किया गया था। इसके अतिरिक्त, एक अन्य मामले में उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी प्राप्त हुआ था।
नीरज पर २०२२ में इंद्रपुरी थाने में दर्ज एफआईआर के तहत चोरी का आरोप लगा था। जमानत मिलने के बाद कोर्ट में उपस्थित नहीं होने के कारण उसे भगोड़ा घोषित किया गया था।
फरार होने के बाद, पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए विशेष टीम बनाई। इस टीम का नेतृत्व इंस्पेक्टर गौतम मलिक ने किया, जिन्हें एसीपी राजपाल डबास के निर्देशन में काम सौंपा गया। टीम में एएसआई जितेंद्र, एचसी अशोक, एचसी राजेश, कांस्टेबल मुकेश और डब्ल्यू/सीटी नीलम शामिल थे।
टीम ने उन्नत तकनीकों का उपयोग करते हुए नीरज के मोबाइल फोन के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और लोकेशन ट्रैकिंग की। सोशल मीडिया गतिविधियों पर भी नज़र रखी गई। लंबी जांच के बाद, टीम ने नीरज के ठिकाने का पता लगाया और नजफगढ़-नांगलोई रोड से उसे गिरफ्तार किया।
नीरज ने शुरू में मजदूरी का काम किया, लेकिन गलत संगत और नशे की लत ने उसे अपराध की दुनिया में धकेल दिया। २०२२ में, उसे इंद्रपुरी में चोरी के दौरान रंगे हाथों पकड़ा गया था। जमानत मिलने के बाद वह कोर्ट से भाग गया।
पुलिस के अनुसार, वह चोरी और सेंधमारी के कई मामलों में संलिप्त रहा है।
एसीपी राजपाल डबास ने कहा कि यह कार्रवाई अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैये को दर्शाती है।
पुलिस ने बताया कि जांच अभी जारी है और अन्य मामलों में उसकी भूमिका की भी पड़ताल की जाएगी।