क्या दिल्ली प्रदूषण का दोष नेहरू पर नहीं डाला गया?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली का वायु प्रदूषण गंभीर समस्या है।
- विपक्ष और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है।
- एक्यूआई का स्तर 'बेहद खराब' श्रेणी में है।
- सर्द हवाओं के कारण प्रदूषण में हल्की गिरावट आई है।
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जागरूकता की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर भाजपा सरकार विपक्ष के निशाने पर है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि चुनी हुई सरकार के लिए 9-10 महीनों में एक्यूआई कम करना असंभव है। उन्होंने प्रदूषण पर माफी मांगते हुए विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया। इस पर कांग्रेस नेताओं ने सख्त प्रतिक्रिया दी है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि मनजिंदर सिरसा कई बातें कर रहे हैं और कभी-कभी वह एक्यूआई के डेटा में फेरबदल करते हैं। अब वह हम पर ही दिल्ली वालों को भड़काने का आरोप लगा रहे हैं। दिल्ली की जनता सब देख रही है और समझ रही है।
उन्होंने कहा कि जब मेसी आए और दिल्ली के मुख्यमंत्री वहां पहुंची तो यह कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था, फिर भी युवाओं और बच्चों ने एक्यूआई के नारे लगाकर सच्चाई बताने की कोशिश की, लेकिन भाजपा ने आंख-कान बंद कर रखे हैं।
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा अपने एजेंडे को आगे बढ़ा रही है, संविधान को कमजोर कर रही है और विपक्ष की आवाज को दबा रही है। एक दिन में प्रदूषण खत्म नहीं होता, लेकिन आप इस पर पहले से काम क्यों नहीं कर रहे हैं? हालत बिगड़ने पर आप घोषणाएं करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई असर नहीं दिखता।
उन्होंने कहा कि पीयूसी का सर्टिफिकेट लिए बिना आपने पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों को बंद कर दिया, इससे क्या होगा? पीयूसी को चेक करने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस है। अच्छा है कि प्रदूषण के लिए भाजपा वालों ने नेहरू जी को दोष नहीं दिया। वरना नेहरू जी को दोष देना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं होती।
कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव ने कहा कि शीला दीक्षित के कार्यकाल में दिल्ली को सबसे हरी-भरी राजधानी के रूप में पहचान मिली थी, लेकिन आज दिल्ली देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी बन गई है।
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पिछले कुछ दिनों से चल रही तेज सर्द हवाओं के कारण वायु प्रदूषण में हल्की गिरावट जरूर दर्ज की गई है, लेकिन हालात अब भी चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) और यूपीपीसीबी (यूपीपीसीबी) के विभिन्न एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशनों से मिले आंकड़ों के अनुसार दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के अधिकांश इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 के पार दर्ज किया गया है, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है।