क्या दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव का मतदान संपन्न हुआ है?

सारांश
Key Takeaways
- डूसू चुनाव में चार पदों के लिए मतदान हुआ।
- मुख्य मुकाबला एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच है।
- मतगणना 19 सितंबर को होगी।
- चुनाव में धांधली के आरोप लगे हैं।
- कुल 21 उम्मीदवारों ने चुनाव में भाग लिया।
नई दिल्ली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) चुनाव 2025 के लिए गुरुवार को केंद्रीय पैनल के चार पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के लिए मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
अब शुक्रवार को मतगणना के बाद यह निर्धारित होगा कि इन चारों पदों पर कौन विजयी होगा। इस बार कुल 21 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन मुख्य मुकाबला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और कांग्रेस समर्थित नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के बीच माना जा रहा है।
चुनाव के दौरान धांधली और अनियमितताओं के गंभीर आरोप भी सामने आए।
डूसू अध्यक्ष रौनक खत्री ने सिविल लाइंस के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को पत्र लिखकर एबीवीपी पर बूथ कैप्चरिंग, मतदाता छेड़छाड़ और असामाजिक तत्वों की मौजूदगी का आरोप लगाया। खत्री ने दावा किया कि एबीवीपी कार्यकर्ता दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर एनएसयूआई समर्थक मतदाताओं को डरा-धमका रहे हैं।
उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एबीवीपी की एक महिला कार्यकर्ता ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वह डरने वालों में से नहीं हैं। चुनाव प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए।
एनएसयूआई के आरोप के जवाब में एबीवीपी ने तीखा पलटवार किया। एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने इन आरोपों को एनएसयूआई की हार की बौखलाहट बताया।
वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में एबीवीपी की बढ़ती लोकप्रियता से एनएसयूआई घबराई हुई है और बेबुनियाद आरोप लगा रही है।
उन्होंने दावा किया कि इस बार एनएसयूआई न केवल दूसरे, बल्कि तीसरे स्थान के लिए भी संघर्ष कर रही है।
तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब सभी की निगाहें शुक्रवार के नतीजों पर टिकी हैं। चुनावी नतीजों की तस्वीर साफ होने के बाद यह तय हो जाएगा कि डूसू की कमान किस छात्र संगठन को मिलेगी।