क्या देश कानून के शासन और संवैधानिक सिस्टम से चलता है? भूपेंद्र सिंह चौधरी
सारांश
Key Takeaways
- भूपेंद्र सिंह चौधरी का संविधान के प्रति निष्ठा व्यक्त करना।
- जिहाद और नकारात्मकता फैलाने वालों के लिए कोई स्थान नहीं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा।
- जनेश्वर पार्क की राष्ट्रीय महत्वता और उसका प्रबंधन।
- राजनीतिक बयानबाजी और उसके सामाजिक प्रभाव।
मुरादाबाद, 30 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी के बयान पर भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि देश कानून के शासन और एक संवैधानिक सिस्टम से चलता है और राष्ट्र के मामले संविधान के तहत संचालित होते हैं।
उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जो लोग जिहाद में शामिल हैं या नकारात्मक संदेश फैलाते हैं, उनके लिए अब इस देश में कोई स्थान नहीं है। वे अब यहाँ नहीं रह सकते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री मन की बात प्रोग्राम के माध्यम से देश को संबोधित करते हैं, और रविवार को हमें 128वें एपिसोड में उनका मार्गदर्शन प्राप्त करने का मौका मिला। उन्होंने विभिन्न विषयों पर जानकारी साझा की, चाहे वह खेल के क्षेत्र में भारत की प्रगति हो, सांस्कृतिक विकास हो, या अन्य क्षेत्र हों। प्रधानमंत्री मोदी ने 2030 में भारत द्वारा कॉमनवेल्थ गेम्स की मे hosting, महिला हॉकी वर्ल्ड कप में भारत की हालिया जीत, और वेटलिफ्टिंग में देश की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर चर्चा की।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के पोस्ट पर भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा, "जनेश्वर पार्क, जो हमारी विरासत का हिस्सा है, एक राष्ट्रीय और राज्य संपत्ति है। सरकार इसे सफलतापूर्वक प्रबंधित कर रही है और अच्छे से बनाए रख रही है। समाज में अशांति फैलाने के लिए इसके बारे में नकारात्मक बातें फैलाना समाजवादी पार्टी के एजेंडे का हिस्सा है।"
ज्ञात रहे कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा कि भाजपा सरकार पैसे के लालच में लखनऊ के ‘हरित-हृदय’ जनेश्वर मिश्र पार्क को अपनी इवेंटबाजी से दूर रखे। लखनऊ के नागरिकों का स्वच्छ हवा और हरियाली पर पूरा हक है। हमें सबको मिलकर एक नागरिक आंदोलन की तरह इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए। अगर हम अकेले विरोध करेंगे तो इसे राजनीतिक आंदोलन घोषित कर सरकार अपना उल्लू सीधा कर लेगी।