क्या धनंजय मुंडे पर लगे आरोपों से उन्हें मिली क्लीनचिट का असर होगा?

सारांश
Key Takeaways
- धनंजय मुंडे को मिली क्लीनचिट से उनकी राजनीतिक संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
- उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मीडिया में फैली बदनामी का जिक्र किया।
- अगले जांच परिणाम पर मुंडे की राजनीतिक स्थिति निर्भर करेगी।
पुणे, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कृषि विभाग घोटाले से जुड़े मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे को क्लीनचिट दे दी है। इस पर उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
अजित पवार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "आपने देखा होगा कि उन पर कृषि विभाग से संबंधित आरोप लगे थे। उन्हें न्यायालय से क्लीनचिट मिली, लेकिन उनकी जो बदनामी होनी थी, वह हो गई। आप सभी ने इन खबरों को मीडिया में प्रसारित किया। ये समाचार बड़े स्तर पर फैले। एक अन्य मामले में पुलिस अपनी प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई कर रही है। जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होती, उन्हें मानसिक पीड़ा सहनी पड़ रही है, जो कभी खत्म नहीं होती।"
उन्होंने आगे कहा, "जहां तक कृषि विभाग से जुड़े आरोपों का सवाल है, यह न्यायालय ने कहा है कि ये आरोप झूठे थे। जिन्होंने झूठे आरोप लगाए, उन्हें एक लाख रुपये का जुर्माना भी देना पड़ा है। हमारे यहां न्याय व्यवस्था सर्वोच्च है, और यह निर्णय उसी न्यायालय का है।"
जब मुंडे को दोबारा मंत्री बनाए जाने के सवाल पर पवार ने कहा, "एक और मामले (सरपंच हत्याकांड) में हम जानकारी ले रहे हैं, जहां न्यायिक जांच चल रही है। जब यह जांच पूरी होगी और यदि यह साफ हो जाता है कि उनका कोई संबंध नहीं है, तो हम उन्हें फिर से अवसर देंगे।"
पुणे में गाड़ियों की तोड़फोड़ के संदर्भ में उन्होंने कहा, "मैंने सुबह पुलिस कमिश्नर से बात की। यदि कुछ लोग समाज में डर पैदा करने के लिए गुंडागर्दी करते हैं और गाड़ियों की तोड़फोड़ करते हैं, तो ये सब कैमरे में कैद हो चुका है। उन लोगों को पकड़ना चाहिए ताकि एक सख्त संदेश जाए कि कोई भी इस तरह की हिम्मत न करे।"