क्या 'शोले' के सेट पर धर्मेंद्र ने हेमा मालिनी को इंप्रेस करने के लिए टंकी पर चढ़ने का साहस किया?
सारांश
Key Takeaways
- फिल्म 'शोले' ने भारतीय सिनेमा में एक नया मानक स्थापित किया।
- धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की प्रेम कहानी दर्शकों को हमेशा याद रहेगी।
- टंकी वाला सीन सिनेमा का एक आइकोनिक क्षण है।
- धर्मेंद्र का साहस हमेशा प्रशंसा का पात्र रहा है।
- फिल्म का 4के वर्जन फिर से दर्शकों के सामने आ रहा है।
मुंबई, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 1975 में रिलीज हुई फिल्म 'शोले' ने जय और वीरू की सच्ची दोस्ती को बखूबी दर्शाया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही और 12 दिसंबर को 4के वर्जन में वापस आ रही है।
इसी फिल्म के सेट पर धर्मेंद्र और हेमा मालिनी के बीच का प्रेम भी शुरू हुआ। धर्मेंद्र ने हेमा के लिए वीरू का किरदार निभाया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र ने हेमा को इम्प्रेस करने की हर संभव कोशिश की थी?
फिल्म का आइकोनिक टंकी वाला सीन आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है। उसी टंकी पर चढ़कर वीरू ने बसंती को अपने प्यार का इज़हार किया था, लेकिन शूटिंग के पहले धर्मेंद्र ने हेमा को इम्प्रेस करने का प्रयास किया था। इस पर हेमा का रिएक्शन खास नहीं था। यह जानकारी शोले में अहमद का किरदार निभाने वाले सचिन पिलगांवकर ने साझा की थी।
सचिन ने बताया कि फिल्म की शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र की पूरी कोशिश थी कि वो बस हेमा को इम्प्रेस कर दें। उन्होंने कहा कि सेट पर एक बड़ी और ऊंची टंकी बनाई गई थी, जो असली नहीं थी।
सचिन ने कहा कि धर्मेंद्र ने केवल हेमा के लिए टंकी पर चढ़ने का साहस किया और रेलिंग को पार कर खड़े हो गए। ये देखकर रमेश सिप्पी घबरा गए और 'धरमजी-धरमजी' चिल्लाने लगे, लेकिन धर्मेंद्र ने कहा, 'अरे कुछ नहीं होगा।' यह सब हेमा देख रही थीं और उनके चेहरे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी। जब मैंने उनसे कहा कि यह खतरनाक है, तो उन्होंने बस बिना किसी भाव के कहा, 'हां, खतरनाक है।' उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था।
यह भी कहा जाता है कि हेमा के साथ समय बिताने के लिए धर्मेंद्र बार-बार सीन को रीटेक करते थे। फिल्म में बसंती के आम तोड़ने वाले सीन के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ था। भले ही आज धर्मेंद्र हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके फैंस उनकी फिल्मों के जरिए उन्हें हमेशा याद करते रहेंगे। अभिनेता का जन्म 8 दिसंबर को हुआ था।