क्या दिल्ली विस्फोट अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मामला है, राजनीति से दूर रहना चाहिए? - सी. नारायणस्वामी
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली विस्फोट को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मामला माना जा रहा है।
- राजनीति से दूर रहकर इस मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए।
- खुफिया एजेंसियों ने अपराधियों को समय रहते पकड़ा।
- सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।
- आतंकवाद के मामलों में सामाजिक और धार्मिक कट्टरता को समझना आवश्यक है।
बेंगलुरु, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक विधान परिषद में विपक्ष के नेता सी. नारायणस्वामी ने दिल्ली लाल किला विस्फोट के संदर्भ में कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मामला है और इसमें राजनीति की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
बेंगलुरु में बुधवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि ये आतंकवादी कृत्य उन देशों द्वारा किए जा रहे हैं जो भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण हैं।
उन्होंने सभी देशों से अपील की कि वे इस प्रकार के आतंकवाद पर काबू पाने के लिए एकजुट हों। दिल्ली में लाल किले के निकट हुए बम विस्फोट के पहले कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों का लक्ष्य 10 नवंबर को विस्फोट करने का नहीं था, बल्कि उनकी योजना अयोध्या और अन्य क्षेत्रों में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान विस्फोट करने की थी।
उन्होंने कहा कि हमारी खुफिया एजेंसियों ने बहुत कुशलता से कार्य किया, जिससे सभी आरोपी पहले ही पकड़े गए। लगभग 2,900 किलोग्राम विस्फोटक हरियाणा के फरीदाबाद से जब्त किया गया। इसमें एक डॉक्टर भी शामिल है।
नारायणस्वामी ने कहा कि इसके बाद तथाकथित डॉक्टरों का एक सिंडिकेट सामने आया है, जिससे लोग भ्रमित हैं कि किस डॉक्टर पर भरोसा किया जाए।
भाजपा नेता ने इस सिंडिकेट की आलोचना की और इसे धार्मिक कट्टरपंथियों का समूह बताया। उनका कहना है कि उनके द्वारा किए गए अपराध धार्मिक रूप से कट्टर आतंकवाद के समान हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के उस बयान का भी उल्लेख किया जिसमें उन्होंने पूछा था कि चुनाव से पहले विस्फोट क्यों हुआ। उन्होंने सवाल किया कि क्या दिल्ली का बम विस्फोट बिहार चुनावों पर प्रभाव डालेगा। इस पर सी. नारायणस्वामी ने कहा, यह कैसी राजनीति है? क्या ये शब्द एक मुख्यमंत्री के लिए उचित हैं?