क्या चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, जनता का भरोसा हो रहा कमजोर? लोकसभा में डिंपल यादव का आरोप

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क्या चुनावी प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, जनता का भरोसा हो रहा कमजोर? लोकसभा में डिंपल यादव का आरोप

सारांश

लोकसभा में डिंपल यादव का आरोप, उत्तर प्रदेश उपचुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए। जानें, कैसे सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों ने मतदान में हस्तक्षेप किया और चुनाव आयोग से की गई शिकायतों का क्या हुआ।

Key Takeaways

  • डिंपल यादव के आरोपों ने चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाया।
  • सीसीटीवी फुटेज की अनुपलब्धता गंभीर चिंता का विषय है।
  • सरकार पर विपक्षी दलों को कमजोर करने के आरोप लगे हैं।
  • मतदाता जागरूकता और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा जरूरी है।
  • चुनाव आयोग से स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव ने उत्तर प्रदेश उपचुनाव की निष्पक्षता को लेकर लोकसभा के शीतकालीन सत्र में गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान कई बूथों पर सादे कपड़ों में मौजूद पुलिसकर्मियों को वोट डालते हुए पकड़ा गया।

डिंपल यादव के अनुसार, समाजवादी पार्टी ने इन घटनाओं की शिकायत कई बार चुनाव आयोग से की, लेकिन इसके बावजूद संबंधित बूथों की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराई गई। उनका कहना है कि यह फुटेज स्पष्ट सबूत हो सकती थी कि मतदान केंद्र पर क्या हुआ, लेकिन प्रशासन जानबूझकर इसे सार्वजनिक नहीं कर रहा।

उन्होंने सवाल किया कि जब चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी नहीं रखी जाएगी, तो जनता लोकतांत्रिक संस्थाओं पर भरोसा कैसे करेगी?

डिंपल यादव ने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि इसे नागरिकता कानून से जोड़कर लोगों में भय पैदा किया जा रहा है। उनका कहना था कि बिहार में एसआईआर लागू करने के दौरान करीब 80 लाख मतदाताओं के नाम वोटर सूची से हटा दिए गए, जिससे चुनावी संतुलन बदल गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार संवैधानिक संस्थाओं का राजनीतिक उपयोग कर रही है और विपक्षी दलों को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

डिंपल यादव ने चुनाव आयोग से मांग की कि मतदान में हुई गड़बड़ियों की स्वतंत्र जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, चाहे वे अधिकारी हों या किसी राजनीतिक दल से जुड़े हों। उन्होंने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की भी मांग की।

उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने मताधिकार और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए जागरूक रहें। उनका कहना है कि चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता ही लोकतंत्र की नींव है और इसे सुरक्षित रखना सरकार तथा चुनाव आयोग दोनों की जिम्मेदारी है।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता लोकतंत्र की नींव है। डिंपल यादव के आरोप गंभीर हैं और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हैं। यह आवश्यक है कि चुनावी प्रक्रिया में विश्वास को बनाए रखा जाए।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

डिंपल यादव ने क्या आरोप लगाए?
डिंपल यादव ने आरोप लगाया कि मतदान में सादे कपड़ों में मौजूद पुलिसकर्मियों ने वोट डाला।
क्या चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई की?
डिंपल यादव के अनुसार, चुनाव आयोग ने कई शिकायतों के बावजूद सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराई।
क्या डिंपल यादव ने किसी जांच की मांग की?
हाँ, उन्होंने मतदान में हुई गड़बड़ियों की स्वतंत्र जांच की मांग की है।
डिंपल यादव का क्या कहना है विपक्षी दलों के बारे में?
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार संवैधानिक संस्थाओं का राजनीतिक उपयोग कर रही है।
डिंपल यादव ने किस प्रकार के चुनाव कराने की मांग की?
उन्होंने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की है।
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