क्या ईवीएम से चुनाव लोकतंत्र के लिए घातक हैं: शक्ति यादव?
सारांश
Key Takeaways
- ईवीएम से चुनाव कराने पर सवाल उठाए गए हैं।
- राजद नेता ने बैलेट पेपर के उपयोग का समर्थन किया है।
- आम जन को जनादेश का स्वीकार करना कठिन हो रहा है।
- चुनावी प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है।
- विकसित देशों में ईवीएम का उपयोग नहीं होता।
पटना, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में इंडी अलायंस की करारी हार के बाद, गठबंधन ने ईवीएम को जिम्मेदार ठहराया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता शक्ति यादव ने कहा कि जब विकसित देशों में बैलेट पेपर से चुनाव हो रहे हैं, तो भारत में ईवीएम से चुनाव कराने की क्या आवश्यकता है? उन्होंने ईवीएम से चुनाव कराने को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है।
बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम पर राजद नेता ने कहा कि जो जनादेश एनडीए को मिला है, वह किसी को भी पच नहीं रहा है। लोग इसे मानने को तैयार नहीं हैं कि कैसे एनडीए को यह जनादेश मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि बिहार का जनादेश पचाना कठिन हो गया है। आम लोग इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। पूरा देश इस पर चर्चा कर रहा है और हमारी आंतरिक समीक्षा में कई बातें सामने आई हैं। कोई अदृश्य शक्ति है जो जनादेश को अपने अनुसार बदल देती है।
राजद नेता ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में सुधार पर देश में चर्चा चल रही है। सीईसी की नियुक्ति के मामले में जो बदलाव सरकार और भाजपा ने किए हैं, वे सवालों के घेरे में हैं।
जर्मनी, अमेरिका जैसे देशों का उदाहरण देते हुए राजद नेता ने कहा कि विकसित राष्ट्र ईवीएम से चुनाव नहीं कराते। तकनीकी मामलों में आगे जर्मनी भी ईवीएम का उपयोग नहीं करता है। इसे अवैध माना गया है। अमेरिका में भी ईवीएम का उपयोग नहीं होता, लेकिन भारत में ईवीएम से चुनाव हो रहे हैं।
उन्होंने प्रश्न किया कि गांवों और गरीबों में तकनीक की कितनी पहुंच है? ईवीएम पर शक किया जा रहा है और यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।
राजद नेता ने बैलेट पेपर का उल्लेख करते हुए कहा कि ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष चाहता है कि ईवीएम पर प्रतिबंध लगे और बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं। इससे स्थिति बदल जाएगी।