क्या गठिया का दर्द सहा जाता है? ये पांच योगासन देंगे राहत!

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क्या गठिया का दर्द सहा जाता है? ये पांच योगासन देंगे राहत!

सारांश

क्या आप गठिया के दर्द से तंग आ चुके हैं? जानिए कैसे पांच सरल योगासन आपकी परेशानी को कम कर सकते हैं। यह आसन न केवल दर्द में राहत देते हैं, बल्कि आपके जोड़ों को भी मजबूत बनाते हैं।

Key Takeaways

  • गठिया के दर्द में राहत के लिए नियमित योगासन करें।
  • वीरभद्रासन और ताड़ासन जैसे आसन बहुत फायदेमंद हैं।
  • योग से जोड़ों का लचीलापन बढ़ता है।
  • किसी योग प्रशिक्षक से सलाह जरूर लें।
  • 10-20 मिनट का दैनिक अभ्यास करें।

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्या आप सुबह उठते ही घुटनों में चुभन, उंगलियों में जकड़न, और जोड़ों में दर्द से परेशान रहते हैं? गठिया या अर्थराइटिस से पीड़ित लोग अक्सर इन समस्याओं का सामना करते हैं। लेकिन, योगासन को अपनी दिनचर्या में शामिल करके इन समस्याओं से राहत पाई जा सकती है।

यह बीमारी जोड़ों में सूजन, दर्द, अकड़न और लचीलापन कम होने की वजह बनती है। उम्र बढ़ने के साथ कार्टिलेज (जोड़ों की चिकनाई) घिस जाती है, लेकिन इसके अलावा मोटापा, पुरानी चोट, संक्रमण, ऑटोइम्यून बीमारियां (जैसे रूमेटॉइड अर्थराइटिस) और जेनेटिक कारण भी गठिया का कारण बन सकते हैं।

भारत सरकार का आयुष मंत्रालय गठिया के मरीजों को नियमित रूप से पांच विशेष आसनों का अभ्यास करने की सलाह देता है, जिनमें वीरभद्रासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, सेतुबंधासन और मर्जरी आसन शामिल हैं। ये आसन जोड़ों की सूजन को कम करते हैं, मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं और लचीलापन लौटाते हैं। साथ ही, दर्द में भी राहत मिलती है।

विशेषज्ञ बताते हैं कि वीरभद्रासन का अभ्यास कैसे करें? पैरों को चौड़ा करके खड़े हों। दायां पैर आगे 90 डिग्री पर मोड़ें, बायां पैर सीधा रखें। दोनों हाथों को ऊपर उठाकर नमस्कार मुद्रा में जोड़ें और नजरें ऊपर की ओर रखें। 25 से 30 सेकंड तक रुकें, फिर दूसरी तरफ दोहराएं। यह आसन घुटनों, कूल्हों और कंधों को मजबूती देता है और संतुलन बढ़ाता है।

ताड़ासन के लिए दोनों पैर जोड़कर सीधे खड़े हों। हाथों को सिर के ऊपर ले जाकर उंगलियां आपस में फंसाएं और एड़ियां हल्की उठाकर पूरे शरीर को खींचें। 15-20 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें। यह आसन रीढ़ की हड्डी को सीधा करता है, जोड़ों में खून का संचार बढ़ाता है और पूरे शरीर को सक्रिय करता है।

सेतुबंधासन के लिए पीठ के बल लेट जाएं। घुटने मोड़कर पैरों को कूल्हों के पास लाएं। सांस लेते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं, हाथों को जमीन पर रखें। इस मुद्रा में लगभग 30 सेकंड तक रहें। यह आसन कमर, कूल्हों और घुटनों के जोड़ों को मजबूत करता है और गठिया के दर्द में आराम देता है।

मर्जरी आसन के लिए चौपाया मुद्रा में आएं। सांस छोड़ते हुए पीठ को ऊपर की ओर उभारें और सिर नीचे करें। फिर सांस लेते हुए पीठ को नीचे धंसाएं और सिर ऊपर उठाएं। इसे 10 से 15 बार दोहराएं। यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और गर्दन-कमर के dard में बहुत राहत देता है।

पांचवां और अंतिम आसन है त्रिकोणासन. इसके लिए पैर चौड़ा करके खड़े हों। दायां पैर बाहर की ओर, हाथों को किनारे फैलाएं। दाहिना हाथ दाएं पैर की ओर झुकाएं और बायां हाथ ऊपर। नजरें ऊपर वाले हाथ की ओर रखें। यह आसन कूल्हों, घुटनों और कमर को खोलता है और साइड की जकड़न को दूर करता है।

इन आसनों का रोजाना 10 से 20 मिनट अभ्यास करने से गठिया के दर्द और अकड़न में राहत मिलती है, हालांकि अभ्यास से पहले किसी योग प्रशिक्षक की सलाह जरूर लें।

Point of View

जो विशेष रूप से बुजुर्गों को प्रभावित करती है। लेकिन योगासन के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यह न केवल दर्द को कम करता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारता है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या योगासन से गठिया का दर्द कम किया जा सकता है?
जी हां, नियमित योगासन से गठिया के दर्द में काफी राहत मिलती है।
कितने समय तक योगासन करना चाहिए?
10 से 20 मिनट का दैनिक अभ्यास लाभकारी होता है।
क्या योगासन सभी उम्र के लोग कर सकते हैं?
हां, लेकिन किसी प्रशिक्षक से सलाह लेना जरूरी है।
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