क्या योगी सरकार का घुसपैठियों को खदेड़ने का प्लान वास्तव में प्रभावी होगा?

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क्या योगी सरकार का घुसपैठियों को खदेड़ने का प्लान वास्तव में प्रभावी होगा?

सारांश

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए एक अद्वितीय योजना बनाई है। इस योजना में हाईटेक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा, जिससे घुसपैठियों की पहचान की जाएगी और उन्हें प्रभावी तरीके से डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा। क्या यह योजना वास्तव में सफल होगी?

Key Takeaways

  • योगी सरकार द्वारा घुसपैठियों के लिए फूलप्रूफ प्लान तैयार किया गया है।
  • हाईटेक तकनीक का उपयोग करके घुसपैठियों की पहचान की जाएगी।
  • डिटेंशन सेंटर में सुरक्षा का कड़ा इंतज़ाम किया जाएगा।
  • घुसपैठियों के फर्जी दस्तावेजों की गहन जांच होगी।
  • योजना का उद्देश्‍य घुसपैठियों को प्रदेश और देश की सीमाओं से बाहर रखना है।

लखनऊ, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए एक फूलप्रूफ प्लान तैयार किया गया है, जो देशभर में एक मॉडल के रूप में उभरेगा। सरकार घुसपैठियों की पहचान के लिए हाईटेक आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रही है, जिससे घुसपैठियों की प्रदेश में छुपकर रहने की कोशिशों को पूरी तरह से नाकाम किया जा सके। इतना ही नहीं, इन घुसपैठियों को जिन डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा, वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा।

योगी सरकार डिटेंशन सेंटर की सुरक्षा के लिए एक ऐसा चक्रव्यूह तैयार कर रही है, जो अभेद होगा। सूत्रों के अनुसार, योगी सरकार ने डिटेंशन सेंटर में रखे गए घुसपैठियों की विस्तृत बायोमेट्रिक प्रोफाइल बनाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, इन सभी नामों को निगेटिव लिस्ट में डाला जाएगा, जिसे देशभर में साझा किया जाएगा ताकि कोई भी घुसपैठिया प्रदेश या देश की सीमा में फिर से प्रवेश न कर सके।

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने हाल ही में घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों को घुसपैठियों की पहचान के लिए हाईटेक आधुनिक तकनीक का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी स्तर पर कोई कमी न रहे और हर हाल में घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें डिटेंशन सेंटर में शिफ्ट किया जाए।

विशेषज्ञों के अनुसार, हाईटेक तकनीक के माध्यम से घुसपैठियों के फर्जी पहचान पत्र के साथ-साथ किसी भी प्रकार के फर्जी सरकारी दस्तावेजों को स्कैन किया जाएगा और पूरा पिछला रिकॉर्ड खंगाला जाएगा। इससे यह ज्ञात हो सकेगा कि वे प्रदेश में कब से अपनी पहचान छुपाकर रह रहे हैं। इतना ही नहीं, तकनीक से यह भी डेटा इकट्ठा किया जाएगा कि घुसपैठियों ने फर्जी दस्तावेज कैसे तैयार किए।

सूत्रों के अनुसार, योगी सरकार घुसपैठियों की पहचान के साथ उनके फर्जी दस्तावेजों की गहन जांच करेगी। इससे फर्जी दस्तावेज बनाने वाले नेक्सेज का भंडाफोड़ करके कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति फर्जी दस्तावेज नहीं बना सके।

सूत्रों के अनुसार, सीएम योगी ने डिटेंशन सेंटर में रखे गए घुसपैठियों की विस्तृत बायोमेट्रिक प्रोफाइल तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए इन घुसपैठियों के बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट, फेशियल रिकॉग्निशन आदि की जाएगी। इसके बाद इन घुसपैठियों के नामों की एक लिस्ट तैयार की जाएगी, जिसे निगेटिव लिस्ट में दर्ज किया जाएगा। योगी सरकार के इस कदम से ये लोग आगे कभी भी आधार कार्ड जैसी किसी सरकारी पहचान प्रणाली में पंजीकरण नहीं करा पाएंगे। इतना ही नहीं, यह लिस्ट देश के अन्य राज्यों से भी साझा की जाएगी ताकि कोई भी घुसपैठिया देश और प्रदेश की सीमा में प्रवेश न कर सके।

योगी सरकार की यह कार्यशैली और फूलप्रूफ प्लान पूरे देश के लिए एक मॉडल बनकर उभरेगा। योगी सरकार का यह प्लान एक बार फिर मुख्यमंत्री की स्पष्ट नीति, गंभीरता और सटीक दृष्टि को दर्शाएगा।

Point of View

जो न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन सकती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार सुरक्षा के प्रति गंभीर है और वह घुसपैठियों के खिलाफ ठोस कदम उठा रही है।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

योगी सरकार का यह नया प्लान क्या है?
यह प्लान घुसपैठियों की पहचान और उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखने के लिए एक फूलप्रूफ योजना है।
इस योजना में कौन-कौन सी तकनीकें शामिल हैं?
इसमें हाईटेक आधुनिक तकनीक जैसे बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंट और फेशियल रिकॉग्निशन शामिल हैं।
क्या यह योजना सफल होगी?
यह योजना सफल होने के लिए ठोस कार्यान्वयन और निगरानी की आवश्यकता है।
घुसपैठियों की पहचान कैसे होगी?
घुसपैठियों के फर्जी दस्तावेजों और पहचान पत्रों की गहन जांच की जाएगी।
इस योजना का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य घुसपैठियों की पहचान करना और उन्हें देश की सीमाओं से बाहर रखना है।
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