क्या गुजरात की प्रशासन और शिक्षा विभाग की कोशिशों से आणंद जिले में 252 ड्रापआउट स्कूल लौटे?

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क्या गुजरात की प्रशासन और शिक्षा विभाग की कोशिशों से आणंद जिले में 252 ड्रापआउट स्कूल लौटे?

सारांश

गुजरात में 'एक कदम स्कूल की ओर' पहल ने आणंद जिले के 252 ड्रापआउट बच्चों को दोबारा स्कूल लाने में सफलता प्राप्त की है। जानें कैसे प्रशासन और शिक्षा विभाग ने इस समस्या का समाधान किया।

Key Takeaways

  • गुजरात में ‘एक कदम स्कूल’ पहल के तहत 252 बच्चे स्कूल लौटे।
  • ड्रापआउट बच्चों की काउंसिलिंग की गई।
  • बच्चों को शिक्षा के उजाले में वापस लाने का प्रयास।
  • प्रशासन और शिक्षा विभाग ने मिलकर सफल अभियान चलाया।
  • यह पहल अन्य जिलों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।

आणंद, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात में ‘एक कदम स्कूल की ओर’ पहल ने आणंद जिले में कई बच्चों की जिंदगी में दोबारा शिक्षा का उजाला भर दिया है। जिला विकास अधिकारी के नेतृत्व में शिक्षा विभाग द्वारा किए गए प्रयासों से बीच में ही पढ़ाई छोड़ देने वाले कई छात्रों को दोबारा कक्षाओं में पढ़ाई करने का अवसर मिला है।

वास्तव में, 2024-25 के दौरान आणंद जिले के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक लगभग 750 बच्चे ड्रॉपआउट हो गए थे। इन्हीं बच्चों को स्कूल वापस लाने के लिए जिले में एक अभियान चलाया गया।

आणंद जिला विकास अधिकारी देवहुति ने बताया कि हमने ड्रॉपआउट बच्चों का डाटा एकत्र किया। इसमें पता चला कि 2024-25 में प्राइमरी एजुकेशन में 749 बच्चे स्कूल से बाहर हैं। इन बच्चों को दोबारा जोड़ने के लिए हमने उनके कारणों का पता लगाया और इसी के आधार पर अभियान चलाया।

जिले के शिक्षा विभाग ने ड्रॉपआउट बच्चों और उनके माता-पिता की काउंसिलिंग की। उनसे बच्चों के स्कूल छोड़ने के कारणों के बारे में जाना और उन्हें दोबारा स्कूल लौटने के लिए प्रेरित किया।

जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी अर्चना प्रजापति ने कहा कि माता-पिता और बच्चों की काउंसिलिंग में कई बार वहां जाना पड़ा। हमने अभियान का नाम ‘एक कदम स्कूल’ रखा।

प्रशासन की कोशिशों से 252 ड्रापआउट बच्चे फिर से कक्षा में लौट आए हैं और अपने दोस्तों के बीच पहुंचकर बहुत खुश हैं।

छात्रा मानसी सोलंकी ने कहा कि स्कूल की अध्यापिका घर आईं और माता-पिता से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने मम्मी और पापा को समझाया। इसके बाद मैं स्कूल आ पाई।

अक्सर देखा जाता है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। लेकिन, आणंद के प्रशासनिक और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इस समस्या के समाधान के लिए सफल अभियान चलाकर एक मिसाल पेश की है। ‘एक कदम स्कूल की ओर’ अभियान की सफलता आज राज्य के अन्य जिलों को भी प्रेरित कर रही है।

Point of View

बल्कि यह समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक प्रयास है। प्रशासन और शिक्षा विभाग की यह पहल अन्य जिलों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।
NationPress
02/11/2025

Frequently Asked Questions

आणंद जिले में ड्रापआउट बच्चों की संख्या कितनी थी?
आणंद जिले में 2024-25 के दौरान लगभग 750 बच्चे ड्रापआउट हुए थे।
इस अभियान का नाम क्या है?
इस अभियान का नाम 'एक कदम स्कूल की ओर' रखा गया है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
मुख्य उद्देश्य ड्रापआउट बच्चों को दोबारा स्कूल में शामिल करना है।
कौन से अधिकारी इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं?
आणंद जिला विकास अधिकारी और शिक्षा विभाग के अधिकारी इस अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।
इस पहल से बच्चों की प्रतिक्रिया कैसी रही?
बच्चों ने इस पहल का स्वागत किया और स्कूल लौटकर बेहद खुश हैं।