क्या चाईबासा में ट्रैक्टर से कुचलकर युवक की हत्या हुई?
सारांश
Key Takeaways
- दीपक प्रधान की हत्या ने बालू तस्करी के मुद्दे को उजागर किया।
- ग्रामीणों ने प्रशासन की लापरवाही की आलोचना की।
- पुलिस ने घटनास्थल से ट्रैक्टर जब्त किया है।
- आंदोलन में ग्रामीणों ने कार्रवाई की मांग की।
- यह घटना अवैध खनन के खिलाफ आवाज उठाने का एक उदाहरण है।
चाईबासा, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के क्षेत्र में बालू तस्करी के खिलाफ आवाज उठाने पर दीपक प्रधान नामक एक युवक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या किए जाने का आरोप लगाया गया है। इस घटना की जानकारी जैसे ही शुक्रवार को क्षेत्र में फैली, लोग सड़क पर उतर आए।
यह वारदात जैतगढ़ ओपी क्षेत्र के मुंडाई गांव की है। आक्रोशित ग्रामीणों ने मृतक का शव सड़क पर रखकर घंटों प्रदर्शन किया। उन्होंने पुलिस-प्रशासन और बालू माफिया के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। ग्रामीणों का कहना है कि मुंडाई और इसके आस-पास लंबे समय से अवैध बालू खनन और उसकी ढुलाई बेखौफ तरीके से चल रही है, लेकिन पुलिस और खनन विभाग की चुप्पी ने बालू माफिया के हौसले को और बढ़ा दिया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि दीपक प्रधान इस अवैध धंधे का विरोध करता था और इसीलिए उसे निशाना बनाया गया।
सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। ग्रामीणों को समझाकर जाम समाप्त किया गया। पुलिस ने घटनास्थल से ट्रैक्टर को जब्त कर लिया है और शव को चाईबासा सदर अस्पताल के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
जगन्नाथपुर थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने बताया कि मामले की गहन जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “ट्रैक्टर जब्त कर लिया गया है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि दीपक प्रधान अवैध खनन के विरोध में सक्रिय था। गाड़ी रोकने के दौरान हादसा हुआ, जिससे उनकी मौत हो गई।”
दूसरी ओर, ग्रामीण इसे हादसा नहीं, हत्या बता रहे हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इलाके में हर रात बालू की अवैध ढुलाई की जाती है। दर्जनों ट्रैक्टर नदी घाटों से रेत निकालते हैं और पुलिस व खनन विभाग की मौजूदगी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी नहीं हुई और अवैध खनन पर रोक नहीं लगी, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।