क्या हरसिंगार राहत का दूसरा नाम है? अनेक समस्याओं का करता है समाधान

सारांश
Key Takeaways
- हरसिंगार का औषधीय उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं में मददगार है।
- यह सर्दी-जुकाम, दर्द और सूजन से राहत देता है।
- हरसिंगार में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
- यह त्वचा रोगों के इलाज में भी प्रभावी है।
- इसका काढ़ा माइग्रेन में राहत दिला सकता है।
नई दिल्ली, 3 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हरसिंगार, जिसे पारिजात या ‘रात की रानी’ के नाम से भी जाना जाता है, एक अद्भुत औषधीय वृक्ष है जो अनेक स्वास्थ्य समस्याओं से मुकाबला करने में मदद करता है। आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में इसे अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके फूल, पत्ते और फल कई रोगों के उपचार में सहायक होते हैं।
आयुष मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पारिजात या हरसिंगार एक अमूल्य खजाना है जो सर्दी-जुकाम से लेकर दर्द और सूजन तक हर समस्या से छुटकारा दिलाता है। पारिजात के औषधीय गुण सेहत को बेहतर बनाने में मददगार होते हैं।
इसके पत्तों, फूलों और फलों का उपयोग पाउडर, लेप या काढ़े के रूप में किया जाता है। हरसिंगार के पत्ते ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। यह वात दोष को संतुलित कर जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करता है। इसके पत्तों का पाउडर हर्बल उपचार के रूप में प्रभावी है।
हरसिंगार में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व सूजन को कम करते हैं और बीमारियों के जोखिम को घटाते हैं। हरसिंगार एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है और कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है। यह अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की समस्याओं में राहत प्रदान करता है।
हरसिंगार का पेस्ट एग्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा समस्याओं के इलाज में प्रभावी है।
पारिजात, हरसिंगार या शेफालिका को आयुर्वेद में स्वास्थ्य का खजाना माना जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि माइग्रेन का स्थायी इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसके पत्तों से बना काढ़ा पीने से राहत मिल सकती है।
पारिजात न केवल माइग्रेन, हड्डियों के दर्द से राहत देने की क्षमता रखता है, बल्कि सर्दी-जुकाम और बुखार के लिए भी इसे रामबाण माना जाता है। चिकित्सकों के अनुसार, आयुर्वेद में पारिजात का महत्वपूर्ण स्थान है। इसके पत्ते, फूल और छाल औषधि के रूप में उपयोग किए जाते हैं।
इस फूल के पत्तों से बना काढ़ा सर्दी-जुकाम के इलाज में रामबाण माना जाता है और यह एलर्जी से भी मुक्ति दिलाता है। जोड़ों के दर्द, त्वचा रोग और अनिद्रा में भी यह लाभकारी है। पारिजात के पत्तों से बनी चाय रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी सहायक होती है। अस्थमा और सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए पारिजात अत्यधिक लाभदायक साबित हुआ है।